हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (एचएएफईडी) के उच्च अधिकारियों ने यमुनानगर जिले में धान की हेराफेरी के एक मामले के संबंध में अपने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एक वरिष्ठ प्रबंधक, दो फील्ड इंस्पेक्टर और एक तकनीकी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
जिला पुलिस ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी मिलों को आवंटित धान की हेराफेरी के आरोप में कुछ चावल मिलों के मालिकों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। एचएएफईडी के जिला प्रबंधक उधम सिंह ने बताया कि वरिष्ठ प्रबंधक सलिंदर कुमार, फील्ड इंस्पेक्टर राजेश कुमार और चंदर मोहन तथा तकनीकी अधिकारी अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि धान की खरीद के संबंध में चारों अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती थी। सिंह ने बताया, “एचएएफईडी के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार ने मंगलवार को निलंबन आदेश जारी किए। निलंबित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा सहित आरोपपत्र भी तैयार किया जा रहा है।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, यमुनानगर जिले में स्थित धान मिलों में आवंटित धान की कमी पाए जाने के बाद, जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, यमुनानगर और एचएएफईडी के अधिकारियों ने चावल मिल मालिक संदीप सिंगला और उनकी पत्नी के खिलाफ नवंबर 2025 में अलग-अलग तारीखों पर तीन एफआईआर दर्ज कराईं।
पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल के निर्देश पर डीएसपी रजत गुलिया के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले की जांच कर रहा था। एसआईटी ने इस मामले के सिलसिले में चावल मिलों के मालिक संदीप सिंगला को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
यमुनानगर के जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले नियंत्रक के रिकॉर्ड के अनुसार, जिले की सभी 13 अनाज मंडियों में 15 नवंबर (धान की खरीद का अंतिम दिन) तक कुल 675,384 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। हालांकि, पिछले साल जिले की सभी अनाज मंडियों में 6,09,166 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी।

