पटना, 25 अप्रैल । राष्ट्रीय जनता दल में दलित चेहरा शिवचंद्र राम को पार्टी ने एक बार फिर बिहार की चर्चित सीट हाजीपुर से प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला एनडीए में शामिल लोजपा (रा) के प्रमुख चिराग पासवान से है। वैशाली जिले के महुआ विधानसभा से विधायक रह चुके शिवचंद्र राम की पहचान दलित नेता के रूप में होती है। दलित समाज के रविदास जाति से आने वाले राम का कहना है कि यह चुनाव अन्य चुनावों से अलग है। आईएएनएस ने उनसे खास बातचीत की।
उन्होंने कहा कि राजद इस चुनाव में नौकरी और विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरी है और इन मुद्दों को जनता पसंद कर रही है।
बिहार के पूर्व मंत्री राम ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि इस चुनाव में लड़ाई 17 महीने बनाम 17 साल की है।
राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद के करीबी नेता के रूप में माने जाने वाले राम ने तेजस्वी यादव को ‘नौकरी मैन ऑफ इंडिया ‘ बताते हुए कहा कि उन्होंने 17 महीने की सरकार में रहते हुए पांच लाख से अधिक नौकरियां बिहार में दिलवाई। बिहार के लोगों में आज तेजस्वी की पहचान नौकरी देने वाले नेता के तौर पर होने लगी है।
विरोधियों द्वारा एनडीए की सरकार में नौकरी के मामले में सब कुछ तय होने के संबंध में पूछे जाने पर वे बेबाकी से कहते हैं कि एनडीए की तो 17 साल से सरकार है, कितने लोगों को नौकरी दी गयी। बोलने के लिए आप कुछ भी बोल सकते हैं।
युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके राम कहते हैं कि हाजीपुर के लोग पिछले 47 साल से एक ही परिवार को झेल रहे हैं।
एनडीए के प्रत्याशी चिराग पासवान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भी एक प्रत्याशी जमुई से भागकर हाजीपुर में शरण लेने पहुंचे हैं। हाजीपुर की लड़ाई स्पष्ट है एक ओर हवा हवाई प्रत्याशी हैं, जबकि दूसरी ओर आपके सुख दुख में 24 घंटे आपके बीच रहने वाला।
उन्होंने बाहरी और स्थानीय का भी मुद्दा उठाया।
लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की कर्मभूमि माने जाने वाले हाजीपुर लोकसभा के विषय में राम कहते हैं कि इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अधिकांश समय एक परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन इस क्षेत्र ने जिस परिवार को जमीन से उठाकर सत्ता के गलियारों तक पहुंचाया, उस क्षेत्र को क्या मिला?
उन्होने दावा किया कि हाजीपुर को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, वह नहीं बढ़ सका। आज भी कई इलाके बुनियादी सुविधाओं के लिए छटपटा रहे हैं। इस चुनाव में जनता मोदी सरकार को हटाने का मन बना चुकी है।
परिवारवाद के आरोपों के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी में नेताओं के बेटे और बेटियों को टिकट नहीं दिया गया है, यह मुद्दों से भटकाने की रणनीति है।