हमीरपुर, 11 मार्च अलीखुद जल उठाव योजना का विरोध कर रहे क्षेत्र की 15 ग्राम पंचायतों के लोगों ने आज बिलासपुर जिले के त्रिवेणी घाट पर एक ‘महापंचायत’ का आयोजन किया। वे नदी में जल आपूर्ति योजना के निर्माण का विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि इससे नीचे के गांवों के लिए या तो बहुत कम पानी बचेगा या बिल्कुल नहीं बचेगा।
राज्य सरकार ने सोलन जिले के अर्की विधानसभा क्षेत्र में अली खुड के ऊपर स्थित कुछ गांवों के लिए एक लिफ्ट जल आपूर्ति योजना बनाने का प्रस्ताव दिया था। अली खुद बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने कहा कि योजना का निर्माण ऐसे स्थान पर किया जा रहा है जो लाभार्थी गांवों से 20 किमी से अधिक दूर है।
उन्होंने कहा कि लोग 47 दिनों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि न तो सरकार और न ही सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक नेताओं ने काम रोकने के लिए हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि डाउनस्ट्रीम की 15 ग्राम पंचायतें इस योजना के विरोध में शामिल हो गई हैं, जिससे 1 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित होगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, हिमालय नीति अभियान के समन्वयक गुमान सिंह ने कहा कि राज्यों की छोटी नदियों और नालों का पानी कॉर्पोरेट घरानों को नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि अली ख़ुद तो बस एक शुरुआत है और जल्द ही राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे मुद्दे सामने आएंगे।
पूर्व विधायक केके कौशल ने कहा कि सरकार को जनता की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक अली खुद संघर्ष का समाधान नहीं हो जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चिन्हित गांवों के लिए सतलुज नदी से डब्ल्यूएसएस बनाने पर विचार करना चाहिए।
नम्होल ग्राम पंचायत की अध्यक्ष जीवन लता ठाकुर, घ्याल के उपाध्यक्ष देश राज ठाकुर, पूर्व बीडीसी अध्यक्ष रतन लाल ठाकुर, ग्राम पंचायत नोग के अध्यक्ष संजीव; इस अवसर पर ग्राम पंचायत छकोह की अध्यक्ष लता चंदेल ने भी सभा को संबोधित किया।