नई दिल्ली, 7 अगस्त । हर साल की तरह इस साल भी तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार हरियाली तीज सात अगस्त (कल) को मनाई जाएगी।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती मिले थे। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीज का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में कई महिलाएं उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप उपवास न रख पाएं जो सात्विक आहार ही लेना चहिए।
यह दिन शादीशुदा महिलाएं बेहद खास तरीके से मनाती हैं। इस दिन वह सुंदर कपड़ों के साथ हरी चूडि़यां पहनती हैं। मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है। इस दिन ज्यादातर शहरों में तीज के मेले लगाए जाते हैं।
इस बार तीज पर परिघ योग, शिव योग और रवि योग एक लेकर आ रहा है। इस बार हरियाली तीज हिंदू पंचांग के अनुसार 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 7 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे तक मनाई जाएगी। अगर पंचांग के हिसाब से चलें तो हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा।
हरियाली तीज का अपने आप में एक विशेष महत्व है। सभी लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। ऐसे में कई लोग इस दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती का पूजन करते हैं, तो कहीं महिलाएं इस दिन कई तरह का आयोजन करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं उपवास रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती है।
यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं।
इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है। गांवों में यह पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश की बात करें, तो यहां मायके वाले अपनी बेटी के घर में सावन का सिंधारा भेजते हैं। वहीं सास अपनी बहुओं को इस दिन विशेष तरह का उपहार देती हैं।
हरियाली तीज के पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं, इसलिए इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं। कई जगहों पर कुंवारी कन्या भी इस दिन उपवास रखती हैं, ताकि वह योग्य वर की पा सकें।
हरियाली तीज वैसे तो पूरे भारत में ही मनाई जाती है मगर हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरु और ब्रज अंचल में यह विशेष रूप से मनाई जाती है।
इस दिन घरों में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं, इसमें खीर और मालपुआ जैसी मिठाइयां शामिल हैं। एक खास तरह की मिठाई ‘घेवर’ विशेष रूप से तीज के पर्व पर ही बनाई जाती है।
शहरों की बात करें तो कई प्रमुख शहरों में इस पर्व को खास बनाने के लिए मेलों का आयोजन किया जाता है। जहां आप अपने पूरे परिवार के साथ तीज मना सकते हैं।
हर बार की तरह इस बार भी पर्यटन विभाग की ओर से आईएनए में दिल्ली हाट में तीज मेले का आयोजन किया जा रहा है। 2 से 7 अगस्त तक चलने वाले इस मेले में चूड़ियों व मेहंदी के स्टॉल, हस्त कला और हस्तशिल्प के स्टॉल के अलावा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
Leave feedback about this