January 31, 2025
National

सुहाग की सलामती का व्रत है हरतालिका तीज, पिडुकिया होता है खास प्रसाद

Hartalika Teej is a fast for the well-being of the married couple, Pidukiya is a special Prasad.

पटना, 5 सितंबर। बिहार में इन दिनों पति के दीर्घायु की कामना करने वाले हरतालिका तीज पर्व की धूम है। जब तीज की बात हो, तो पूजा के अलावा डिजाइन साड़िया, मेंहदी और श्रृंगार के साथ ही विशेष प्रकार से बनाने वाले पिडुकिया प्रसाद की बात ना हो, ऐसा नहीं हो सकता।

इन द‍िनों बिहार के बाजारों में तीज की रौनक छाई है। घरों से पिडुकिया और ठेकुआ की खुशबू आने लगी है। वैसे तो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भी तीज मनाई जाती है, जिसे छोटी तीज या ‘श्रावणी तीज’ भी कहा जाता है, लेकिन भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाए जाने वाले पर्व को बड़ी तीज तथा ‘हरतालिका तीज’ कहा जाता है।

पहले यह पर्व केवल बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मनाई जाती थी, परंतु अब यह पर्व देश के करीब-करीब सभी राज्यों में मनाया जाने लगा है। महिलाओं द्वारा इस दिन उपवास रखकर रात को भगवान शिव-पर्वती की मिट्टी की प्रतिमा की पूजा की जाती है और पति के दीर्घायु होने की कामना की जाती है।

इस पर्व में वैसे तो कई प्रकार के पकवान बनाकर प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, लेकिन एक खास प्रकार से बनाए गए पिडुकिया प्रसाद चढ़ाने की पुरानी परंपरा रही है। घर में मनाए जाने वाले इस पर्व में महिलाएं एक साथ मिलकर प्रसाद बनाती हैं। पिडुकिया बनाने में घर के बच्चे भी सहयोग करते हैं। पिडुकिया मैदा से बनाया जाता है। इसके अंदर खोआ, सूजी, नारियल और बेसन भरा जाता है। पूजा के बाद आस-पड़ोस के घरों में प्रसाद बांटने की भी परंपरा है। इसके कारण बड़ी मात्रा में प्रसाद बनाया जाता है।

पंडित सुधीर मिश्रा कहते हैं कि भादो महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। वे कहते हैं कि इस पर्व पर जो सुहागिन स्त्री व्रत रखती है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मान्यता है कि पार्वती की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने इसी दिन पार्वती को अपनी पत्नी स्वीकार किया था।

पंडित सुधीर मिश्रा कहते हैं कि आधुनिक समय में कुंवारी लड़कियां भी इस पर्व को मनाती हैं।

पटना के कंकड़बाग की डिंपल कहती हैं कि तीज के पर्व का सभी महिलाओं को इंतजार रहता है। महिलाएं एक पखवाड़े पूर्व से ही इस पर्व की तैयारी में जुट जाती हैं। महिलाएं इसके ल‍िए साड़ी तथा श्रृंगार के सामानों की खरीदारी करती हैं और मेहंदी लगवाती हैं।

पटना के जगदेव पथ स्थित मंजुश्री के प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि इस पर्व पर सा‍ड़‍ियों की ब‍िक्री खूब हो रही है। चार हजार से 10 हजार रुपये तक की साड़ियाें की ब‍िक्री अध‍िक है।

उधर, पटना के ब्यूटी पार्लरों में भी 15 दिन पूर्व से ही महिलाओं की भीड़ जुट रही है। कई पार्लरों ने तो तीज के मौके पर महिलाओं को आकर्षित करने के लिए खास पैकेज का ऐलान किया है।

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