N1Live Haryana हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने को कहा
Haryana

हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने को कहा

Haryana Agriculture Minister asked farmers to adopt natural farming

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने आज कहा कि सरकार ने प्रदेश में एक लाख एकड़ क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया।

मंत्री कुरुक्षेत्र के लाडवा में उपोष्णकटिबंधीय फलों के लिए भारत-इजराइल उत्कृष्टता केंद्र में तीन दिवसीय 7वें फल प्रदर्शनी के समापन अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा, “राज्य सरकार ने हरियाणा में एक लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती के माध्यम से फसल उगाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में 10 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा रही है और धीरे-धीरे इसका रकबा बढ़ रहा है। प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों की खरीद को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने गुरुग्राम में अनाज मंडी स्थापित की है। उपज की गुणवत्ता जांचने के लिए मंडी में प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। गुणवत्ता का आकलन होने के बाद एक कमेटी कीमत निर्धारित करेगी और उसके अनुसार फसल खरीदेगी।”

उन्होंने कहा, “अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज के सेवन से बीमारियों से बचाव होगा और हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। साथ ही समाज, राज्य और देश की तरक्की होगी।”

मंत्री ने बागवानी क्षेत्र के 10 प्रगतिशील किसानों को 5,100-5,100 रुपये, एक ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने बागवानी विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल का भी दौरा किया और आम की विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने यह भी कहा कि नई योजनाओं के माध्यम से हर वर्ग की आय बढ़ाकर देश 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने बताया कि लाडवा में उपोष्णकटिबंधीय फल केंद्र की स्थापना 2016 में इंडो-इजराइल परियोजना के तहत की गई थी। 10,000 पौधों से शुरू हुआ यह केंद्र अब किसानों को वितरित करने के लिए सालाना 1 लाख पौधे तैयार करता है। आम, लीची, नाशपाती, आड़ू और चीकू सहित छह फसलों पर शोध किया जा रहा है।

श्याम सिंह राणा ने किसानों को गेहूं और धान की खेती के अलावा बागवानी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, डेयरी फार्मिंग और अन्य क्षेत्रों में भी विविधता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में नई-नई योजनाएं बना रही है। क्रियान्वयन के दौरान यदि कोई समस्या आती है तो योजनाओं में संशोधन किया जाता है ताकि किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने किसानों को देश का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया और उन्हें आधुनिक और विविध कृषि पद्धतियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मंत्री ने सरकार की विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला और कहा, “भावांतर भरपाई योजना के तहत, यदि किसानों को बाजार में एमएसपी से कम कीमत मिलती है, तो सरकार उन्हें नुकसान से बचाने के लिए अंतर की भरपाई करती है।”

Exit mobile version