हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को राज्य भर के विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त कुलपतियों से आग्रह किया कि वे हरियाणा राज्य अनुसंधान निधि का इष्टतम उपयोग करें तथा ऐसे अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करें जो ग्रामीण समुदायों के सामने आने वाली सामाजिक समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करते हों।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष (एचएसआरएफ) की 20 करोड़ रुपए की राशि अभिनव अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस निधि का रणनीतिक उपयोग ग्रामीण समुदायों के विकास और कल्याण में योगदान देने वाले प्रभावशाली अध्ययनों को बढ़ावा देने के लिए किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के लिए विश्वविद्यालयों को उद्योगों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को अपने कम से कम 10% कार्यक्रम औद्योगिक भागीदारों के साथ साझेदारी में चलाने चाहिए। इस पहल का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों की उभरती जरूरतों को पूरा करते हुए राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
सैनी ने कहा कि हरियाणा को एक ऐसे राज्य में बदलना होगा जो न केवल डिग्री प्रदान करे बल्कि अपने युवाओं को सार्थक दिशा और उद्देश्य भी प्रदान करे। उन्होंने हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल कॉलेज और एक मॉडल कौशल स्कूल स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। ये संस्थान छात्रों को विशेष कौशल शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उन्हें प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में सफल होने के लिए व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करेंगे। उन्होंने कुलपतियों से अनुसंधान आउटपुट, रोजगार के अवसरों, संस्थागत रैंकिंग और शिक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया। सैनी ने 2047 तक विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए ईमानदारी से काम करने और निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. राज नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत के कुलपति प्रोफेसर देवेन्द्र सिंह, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी के कुलपति प्रोफेसर असीम मिगलानी तथा गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कौशिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कुलपति प्रोफेसर रामपाल सैनी, दादा लक्ष्मी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रोफेसर अमित आर्य तथा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दुधोला, पलवल के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार भी उपस्थित थे