मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को विपक्ष के नेता के रूप में औपचारिक रूप से बधाई और स्वागत करके राज्य के विधायी इतिहास में एक नई मिसाल कायम की। यह पहली बार है कि सदन के नेता ने हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता का आधिकारिक रूप से स्वागत किया है।
इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए हुडा ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन व्यक्तिगत मतभेद नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा, “जनहित सर्वोपरि होना चाहिए,” और साथ ही यह भी कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक मतभेदों तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सत्ताधारी पक्ष भी ऐसा ही करेगा ताकि दोनों पक्ष जनता के व्यापक हित में मिलकर काम कर सकें।
हुड्डा का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने विपक्ष के नेता की वरिष्ठता और लंबे राजनीतिक अनुभव पर जोर दिया। उन्होंने हुड्डा को “राजनीतिक बुद्धिमत्ता, विधायी तत्परता और गहन प्रशासनिक समझ का प्रतीक” बताया। हुड्डा के राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए सैनी ने कहा कि छात्र राजनीति से लेकर विधानसभा और संसद तक, हुड्डा ने हर स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “इसी अनुभव के चलते वे चार बार लोकसभा और छह बार हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में 10 वर्षों तक सेवा की है, इस दौरान उन्होंने संसदीय विशेषज्ञता, प्रक्रियात्मक ज्ञान और सार्वजनिक मुद्दों की गहरी समझ हासिल की। सैनी ने कहा, “उनका अनुभव न केवल विपक्ष बल्कि सरकार और सदन के लिए भी लाभकारी होगा।”
लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सैनी ने कहा कि विपक्ष के नेता सरकारी नीतियों पर सवाल उठाकर, रचनात्मक सुझाव देकर और यह सुनिश्चित करके कि जनता की आवाज विधायिका तक पहुंचे, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

