भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार के तहत किसान एक बार फिर एमएसपी के लिए तरस रहे हैं और लगातार शोषण का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, “भाजपा सरकार अपने वादे पूरे करने में पूरी तरह विफल रही है, इसलिए किसान बाजरा, कपास और धान औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। खरीद एजेंसियां नमी का बहाना बनाकर खरीद करने से मना कर रही हैं, जिससे किसानों को मंडियों में दिन-रात इंतज़ार करना पड़ रहा है।”
हुड्डा रविवार को यहां पूर्व मंत्री शकुंतला भगवारिया के पुत्र तरुण भगवारिया की शोकसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए हुड्डा ने याद दिलाया कि चुनाव से पहले भाजपा ने धान किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल का भाव देने का वादा किया था, लेकिन पिछले सीज़न में यह वादा पूरा नहीं हुआ और इस सीज़न में भी टूट गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मंडियों में धान की तेज़ आवक के बावजूद, ख़रीद न होने के कारण किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि ज़्यादातर मंडियों में ख़रीद अभी शुरू भी नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा, “कई जगहों पर ख़रीद पोर्टल पर सत्यापन पूरा न होने की वजह से गेट पास जारी नहीं हो रहे हैं, तो कुछ जगहों पर चावल मिल मालिकों का पंजीकरण न होने की वजह से समस्याएँ बनी हुई हैं। इस दोषपूर्ण व्यवस्था का फ़ायदा उठाकर निजी एजेंसियाँ 2,369 रुपये के एमएसपी वाले धान को सिर्फ़ 1,900-2,000 रुपये प्रति क्विंटल पर ख़रीद रही हैं।”
हुड्डा ने कहा कि बाढ़ से हुई तबाही से जूझ रहे हरियाणा के किसान अब सरकार की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं। एक तरफ उन्हें वाजिब एमएसपी से वंचित किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ उन पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फतेहाबाद और जींद में किसानों के खिलाफ एफआईआर और चालान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।
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