प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बीमा सखी पहल का शुभारंभ किया, जिसके तहत अगले तीन वर्षों में दो लाख महिला बीमा एजेंट नियुक्त की जाएंगी।
प्रशिक्षुओं के लिए वजीफा, कमीशन बीमा सखी योजना के तहत 18-70 वर्ष की 2 लाख महिलाओं को बीमा एजेंट नियुक्त किया जाएगा बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें पहले तीन वर्षों तक प्रशिक्षण और वजीफा मिलेगा कमीशन के अलावा, उन्हें पहले वर्ष में 7,000 रुपये, दूसरे वर्ष में 6,000 रुपये और तीसरे वर्ष में 5,000 रुपये मिलेंगे
यहां एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने 2015 में पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत को याद किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान का हरियाणा और पूरे देश पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि अकेले हरियाणा में ही पिछले एक दशक में हजारों बेटियों की जान बचाई गई।
“हरियाणा के सारे बहन भाई नै राम राम” से अपना भाषण शुरू करने के बाद, पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और मजबूत कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं कभी बीमा से वंचित रहती थीं, वे अब बीमा पॉलिसी खरीदने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करने के बारे में दूसरों को शिक्षित करने के लिए सशक्त हैं।
उन्होंने कहा, “बीमा सखी योजना देश को 2047 तक सभी के लिए बीमा के अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ाएगी।” पीएम ने “एक हैं तो सुरक्षित हैं” नारे पर विश्वास करने और लगातार तीसरी बार भाजपा को सत्ता में लाने के लिए हरियाणा के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सैनी सरकार को “पर्ची और खर्ची” के बिना हजारों लोगों को स्थायी नौकरी मिलने के बाद प्रशंसा मिल रही है। उन्होंने हरियाणा के लोगों को आश्वासन दिया कि डबल इंजन वाली भाजपा सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करेगी।
किसानों के कल्याण पर प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पहले दो कार्यकालों में हरियाणा के किसानों को एमएसपी के रूप में 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक मिले, जबकि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद धान, बाजरा और मूंग किसानों को एमएसपी के रूप में 14,000 करोड़ रुपये दिए गए।
प्रधानमंत्री ने करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के 700 करोड़ रुपये के परिसर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मंत्री श्रुति चौधरी तथा आरती राव मौजूद थे।