हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) ने एचएसजीएमसी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के बीच हरियाणा और पंजाब के कर्मचारियों के पारस्परिक स्थानांतरण की मांग की है।
एचएसजीएमसी के प्रमुख जगदीश सिंह झिंडा ने आज कहा, “पहले हरियाणा और पंजाब के धार्मिक स्थल एसजीपीसी के नियंत्रण में थे और कर्मचारी भी एसजीपीसी द्वारा नियुक्त किए जाते थे। हरियाणा से जुड़े कई लोग अभी भी पंजाब में एसजीपीसी के लिए काम कर रहे हैं और एचएसजीएमसी के गठन के बाद से उन्हें वहां समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हमें उनसे अनुरोध मिल रहे हैं कि वे एचएसजीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। इसी तरह, पंजाब से जुड़े कई लोग हरियाणा में एचएसजीएमसी के तहत काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने ऐसे कर्मचारियों का आपसी तबादला करवाने के लिए एसजीपीसी प्रमुख के साथ बैठक करने का फैसला किया है, ताकि ऐसे कर्मचारियों की निरंतरता और वरिष्ठता प्रभावित न हो। मौजूदा स्थिति में कर्मचारियों को अपने मौजूदा पद से इस्तीफा देकर नौकरी की तलाश करनी होगी, लेकिन इससे उनके साथ-साथ समितियों के लिए भी समस्याएँ पैदा होंगी। इस्तीफे के बाद पद खाली हो जाएँगे और फिर उन पदों के लिए बड़ी संख्या में लोग कतार में होंगे।”
एचएसजीएमसी प्रमुख ने कहा कि कर्मचारी मैनेजर, क्लर्क, सेवादार और रागी समेत विभिन्न पदों पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमने हरियाणा में ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है जो पंजाब से ताल्लुक रखते हैं और एचएसजीएमसी एसजीपीसी से अनुरोध करेगी कि वह पंजाब में हरियाणा के लोगों की एक समान सूची साझा करे और पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू करे।”
इससे पहले झिंडा ने एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी से स्वर्ण मंदिर में आने वाले हरियाणा के तीर्थयात्रियों के लिए सराय बनाने के लिए जमीन का एक टुकड़ा देने का अनुरोध किया था।