वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मुद्दे पर हरियाणा की भाजपा सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा तेज करते हुए कांग्रेस सोमवार को पंजाब भर में कैंडल मार्च निकालेगी।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दलितों ने रविवार को इस घटना के विरोध में चंडीगढ़ में एक सभा आयोजित की थी।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के पंजाब मीडिया सेल के प्रमुख विनीत जोशी ने कांग्रेस और राज्य में सत्तारूढ़ आप पर अपने निहित स्वार्थों के लिए इसे ‘‘राजनीतिक मुद्दा’’ बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “जिन पार्टियों की दलित अधिकारों पर अपनी साख संदिग्ध है, वे भाजपा पर उंगली उठा रही हैं।” इस बीच, पंजाब कांग्रेस ने आत्महत्या मामले में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर की गिरफ्तारी की मांग की।
पार्टी ने इस घटना के लिए राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा धार्मिक और जातिगत आधार पर समाज के ध्रुवीकरण को जिम्मेदार ठहराया। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा, “डीजीपी को हटाओ, उन्हें हथकड़ी लगाओ और सलाखों के पीछे डालो।”
हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने घर पर खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने आठ पन्नों का एक नोट छोड़ा था जिसमें वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर जाति आधारित उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया था। कुमार की नौकरशाह पत्नी अमनीत पी कुमार ने मांग की थी कि शिकायत में कपूर और नोट में नामित अन्य अधिकारियों का नाम आरोपी के रूप में दर्ज किया जाए।
वारिंग ने आश्चर्य जताया कि अगर समुदाय से जुड़े एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को “न्याय नहीं मिल सकता” तो आम दलितों की क्या दुर्दशा होगी। वारिंग ने कहा कि ऐसे मामलों में, अंतिम नोट में उल्लिखित सभी नाम आमतौर पर एफआईआर में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन चंडीगढ़ पुलिस, जो सीधे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, ने सभी आरोपियों के नाम नहीं लिए हैं।”
वारिंग ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक और जातिगत आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए “जानबूझकर” ऐसी चीजें करवा रही है ताकि वह सत्ता में बनी रह सके।