श्री मुक्तसर साहिब (पंजाब), 3 मई, 2025: पंजाब के जल संसाधन मंत्री श्री बरिन्दर कुमार गोयल ने आज कहा कि हरियाणा जल बंटवारे के मुद्दे पर गलतफहमियां फैला रहा है।
समारोह के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री बरिन्दर कुमार गोयल ने इस मामले से सम्बन्धित सभी तथ्य उजागर करते हुए कहा कि पंजाब ने किसी का भी हक नहीं रोका है तथा न ही वह अपना हक छोड़ेगा और न ही केन्द्र या हरियाणा के दबाव के आगे झुकेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के लिए पंजाब के हित सर्वोपरि हैं तथा इसके पानी पर केवल पंजाब का ही अधिकार है।
कैबिनेट मंत्री ने विस्तृत तथ्यों के साथ इस मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बांधों से पानी का वितरण लगभग 44 वर्षों से संग्रहित मात्रा के अनुसार होता आ रहा है।
हरियाणा को इस वर्ष 2.987 एमएएफ पानी आवंटित किया गया था तथा उसने अपना आवंटित हिस्सा पहले ही उपयोग कर लिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने अपने आवंटित जल का 104 प्रतिशत उपयोग करके अपने लक्ष्य को पार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार इस मामले में जनवरी से ही हरियाणा को पत्र लिख रही है तथा केंद्र सरकार को भी इस बारे में अवगत करा रही है।
गोयल ने खुलासा किया कि 17 मार्च 2025 को एक पत्र लिखकर हरियाणा को चेतावनी दी गई थी कि वह अपने हिस्से के पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग नहीं कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। लेकिन जल प्रबंधन सुधारने के बजाय हरियाणा ने मार्च तक ही अपना पूरा पानी खर्च कर दिया।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च को हरियाणा ने पीने के पानी के लिए अनुरोध किया था, जिसमें बताया गया था कि उसे 2.8 करोड़ की आबादी के लिए 1500 क्यूसेक पानी की जरूरत है, जो कि प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर की मानक दर पर है। उसने दिल्ली के लिए भी 1149 क्यूसेक पानी का अनुरोध किया और उद्योगों तथा यहां तक कि पशुओं के लिए अतिरिक्त जरूरतों का हवाला दिया, जिससे कुल 4082 क्यूसेक पानी की मांग हुई।
मानवीय आधार पर पंजाब सरकार ने पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 4 अप्रैल से हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी देना शुरू कर दिया था, लेकिन अब हरियाणा 8500 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा है, जिसे उपलब्ध कराना असंभव है।
बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि हरियाणा का तर्क है कि पिछली सरकारों ने यह पानी मुहैया करवाया था। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें पंजाब के जल संसाधनों की रक्षा करने में विफल रहीं और पंजाब तब अपने हिस्से का पानी भी इस्तेमाल नहीं कर रहा था। हालांकि, जब से मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई है, तब से पंजाब के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तीन साल के भीतर हमने नहरों के अंतिम छोर तक पूरा पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया है। 16,000 से अधिक जलमार्गों का निर्माण और पुनरुद्धार किया गया है।
इसी तरह नहरी ढांचे के विकास पर 4550 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं, जबकि इस वर्ष 3264 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह हम अब पंजाब का पानी दूसरे राज्यों में बर्बाद नहीं होने दे रहे हैं और पंजाब का पानी राज्य के खेतों तक पहुंच रहा है, जिससे किसानों की पैदावार बढ़ेगी और भूजल संरक्षण भी शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों से स्पष्ट है कि पंजाब न तो किसी के अधिकारों का हनन करता है और न ही अपने अधिकारों का त्याग करता है।
इस मुद्दे पर बोलते हुए कृषि मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने भी कहा कि पंजाब के पास किसी को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और वह किसी भी कीमत पर अपने अधिकारों की रक्षा करेगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने भी दोहराया कि पंजाब का पानी पूरी तरह से हमारे राज्य का है और केंद्र या हरियाणा को इसे लूटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस अवसर पर विधायक प्रो. बलजिंदर कौर, जगदीप सिंह काका बराड़ और हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों भी मौजूद थे।