महेंद्रगढ़, 13 सितंबर । हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक दलों की चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी दल अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रहे हैं और चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इसी बीच, भाजपा से बागी हुए पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने गुरुवार को एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह महेंद्रगढ़ से निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर है।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं के समक्ष कहा कि उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर है और वह पार्टी के साथ खड़े रहेंगे। इससे पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चंद चौधरी और जिला प्रभारी शंकर धुप्पड़ उन्हें मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे। पार्टी प्रत्याशी कंवर सिंह यादव भी गुरुवार सुबह उनके सतनाली आवास पर उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मीटिंग के दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा और कार्यकर्ता भावुक हो गए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस व्यक्ति ने हरियाणा में पार्टी को खड़ा किया, वो उसी की नहीं हुई तो आम कार्यकर्ता की कैसे होगी? अब वो कहां जाएंगे? कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका 55 साल का संघर्ष रहा है। इस दौरान मैंने डंडा नहीं बदला, झंडा नहीं बदला और एजेंडा नहीं बदला। आपको मेरे इमान की कसम, मेरे जयराम भगवान की कसम, आप भावुक होकर मुझे कमजोर न करें, नहीं तो मैं टूट जाऊंगा। जिंदगी 10 साल या 15 साल की है, मुझे अंत में उस झंडे के साथ ही रहने दीजिए।
मीटिंग में सभी कार्यकर्ता भावुक हो गए और उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी एवं चुनाव प्रभारी को खरी-खोटी सुनाई। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा हरियाणा भाजपा के भीष्म पितामह के रूप में जाने जाते हैं और वह यहां से पांच बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी के दो बार प्रदेश अध्यक्ष एवं तीन बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 2014 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में नई सरकार के गठन के लिए 5 अक्टूबर को प्रदेश की सभी 90 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं, 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे।