रोहतक, 20 जून राज्य परिवहन प्राधिकरण ने हरियाणा रोडवेज बेड़े के युक्तिकरण से संबंधित आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 150 बसों को विभिन्न डिपो में स्थानांतरित/आवंटित किया जाना था।
हालांकि इस फैसले को अगले आदेश तक लंबित रखने का कोई कारण नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि विभिन्न हलकों में विरोध के बाद यह फैसला लिया गया है। भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह ने भी बसों के स्थानांतरण पर नाराजगी जताई थी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि नारनौल डिपो में 10 वातानुकूलित बसें हैं, जिनमें से नौ नारनौल-दिल्ली-झुंझुनू-दिल्ली रूट पर चलती हैं, जहां प्रतिदिन सैकड़ों यात्री सफर करते हैं तथा एक अन्य बस नारनौल और चंडीगढ़ के बीच चलती है।
उन्होंने लिखा, “मेरी जानकारी में आया है कि इन बसों को सिरसा डिपो भेजा जा रहा है, जिससे महेंद्रगढ़ जिले के लोगों में नाराजगी है, जो मेरे संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इसलिए, किसी भी बस को अन्य स्थानों पर नहीं भेजा जाना चाहिए।”
सूत्रों ने बताया कि अन्य स्थानों पर भी नेताओं और लोगों ने तर्कसंगतीकरण के कदम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।
14 जून को जारी आदेशों के अनुसार, फरीदाबाद से दिल्ली के लिए 20 बसें, जींद से नूंह और पलवल के लिए 15-15 बसें, सोनीपत से जींद के लिए 12 बसें, तथा सोनीपत, कुरुक्षेत्र, नारनौल और सिरसा से अंबाला, नारनौल, सिरसा और कुरुक्षेत्र के लिए 10-10 बसें स्थानांतरित की जानी थीं। इसी तरह, फरीदाबाद से रोहतक के लिए आठ बसें, गुरुग्राम से नूंह के लिए छह बसें, सोनीपत से रोहतक के लिए पांच बसें स्थानांतरित की जानी थीं।