हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने जल जीवन मिशन, अमृत योजना और नहर आधारित पेयजल परियोजनाओं में चल रहे विस्तार के साथ, 2047 से पहले ‘जल सुरक्षित राज्य’ बनने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता दोहराई है।
उदयपुर में ‘वाटर सेफ नेशन’ सम्मेलन में बोलते हुए गंगवा ने केंद्र से हरियाणा की जल सुरक्षा पहल को मजबूत करने के लिए विशेष पैकेज देने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में सिंचाई, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी भी मौजूद थीं।
हरियाणा के जल संरक्षण प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए गंगवा ने कहा, “सरकार अत्यधिक भूजल दोहन को रोकने के लिए लगातार कदम उठा रही है।” उन्होंने कहा कि राज्य ने यमुना से रैनी वेल परियोजना के माध्यम से 216 गांवों को स्थायी रूप से पीने का पानी उपलब्ध कराया है, इसे “गेम चेंजर” कहा।
मंत्री ने बताया कि हरियाणा में 177 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता 2,137 एमएलडी है और वर्तमान में 1,487.12 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल उत्पन्न होता है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक इसे बढ़ाकर 1,000 एमएलडी से अधिक करना और दिसंबर 2028 तक 100% अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करना है।