राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने राज्य के सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) से लैस करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस योजना को समयबद्ध तरीके से लागू करने और स्पष्ट समयसीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि समय पर पूरा करने के लिए विभागवार या जिलावार लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए। उन्होंने इस प्रणाली को आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा 112 के साथ एकीकृत करने का भी निर्देश दिया। यह पहल राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन प्रणाली स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है।
वीएलटीडी प्रणाली को निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जो वास्तविक समय के स्थान डेटा और आपातकालीन अलर्ट सुविधाएँ प्रदान करता है। सीएम ने बजट घोषणाओं की भी समीक्षा की और इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए।
सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए सैनी ने दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक दुर्घटना की गहन जांच करने के निर्देश दिए, जिसमें सड़क की स्थिति, तेज गति, आवारा पशु या अन्य कोई कारक शामिल हो, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कमियों को दूर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने स्कूली वाहनों की फिटनेस पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूली बसों की नियमित जांच होनी चाहिए और उनकी तकनीकी स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि रोडवेज चालकों को नियमित अंतराल पर मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया जाए।
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