कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के छात्रों से फोन पर बात की और उनके मुद्दे के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
बातचीत के दौरान छात्रों ने कांग्रेस अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में उठाएं। इस पर खड़गे ने छात्रों से कहा कि वे आंदोलन के पीछे के कारणों और उसके बाद के घटनाक्रमों और छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव सहित सभी संबंधित तथ्य उपलब्ध कराएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी एक महीने में शुरू होने वाले अगले संसद सत्र में छात्रों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी।
छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन आंदोलन को कुचलने के लिए दमनकारी रणनीति अपना रहा है। उन्हें डर है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की इस रणनीति का खामियाजा कुछ छात्रों को भुगतना पड़ सकता है, जिसका उनके भविष्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि वे ऐसी चीजें नहीं होने देंगे और दोहराया कि कांग्रेस उनके साथ मजबूती से खड़ी है तथा इस मामले में उनका समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
खड़गे ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला से छात्रों से दोबारा मिलने और संभावित समाधान तलाशने को कहेंगे। छात्रों ने अपनी अन्य मांगों के साथ कुलपति को हटाने की मांग भी उठाई।
चल रहे आंदोलन के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन आज पहली बार मीडियाकर्मियों के सामने आया और छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुलपति आवास का घेराव किया था और इसलिए सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
कुलपति डॉ. बीआर कंबोज मीडिया से बात करने के लिए मौजूद नहीं थे, हालांकि उन्हें बताया गया था कि वे मीडिया से बात करेंगे। तीन अन्य अधिकारियों – अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग, स्नातकोत्तर अध्ययन के डीन डॉ. केडी शर्मा और कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. एसके पाहुजा ने मीडिया से बातचीत की।
मीडिया को जानकारी देते हुए गर्ग ने कहा कि वित्तीय सीमाओं के कारण एमएससी और पीएचडी छात्रों के लिए वजीफे में संशोधन किया गया था क्योंकि सभी छात्रों को मेरिट वजीफा देना जारी रखना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि 2016-17 में मेरिट वजीफा बजट करीब 75 लाख रुपये था, लेकिन अब बिना बजटीय प्रावधान के इसे बढ़ाकर 9 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 7.5 से अधिक ओजीपीए वाले छात्रों को वजीफा देने की व्यवस्था के लिए 2017 में मेरिट वजीफा शुरू किया गया था। पहले यह केवल विभागीय टॉपर को ही मिलता था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि दान करने वाले गांव (एलडीवी) नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि सभी मुद्दों का समाधान हो गया है और छात्र अब बिना किसी मुद्दे के आंदोलन कर रहे हैं।