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क्या आपने कभी इन्हें मुड़ के देखा? ‘हिरोइन’ जिनकी डायलॉग डिलीवरी कमाल

Have you ever looked back at them? 'Heroine' whose dialogue delivery is amazing

नई दिल्ली, 21 सितंबर । कुछ फिल्में अपने गानों के वजह से, कुछ फाइट सींस की वजह से तो कुछ स्क्रिप्ट की वजह से सालों तक दिलो दिमाग पर छाई रहती हैं। लेकिन ये हिरोइन ऐसी हैं जिनकी डायलॉग डिलीवरी इतनी कमाल है कि वो हमारे जेहन में उतर चुकी हैं। केकेके यानि करीना कपूर खान ऐसी ही अदाकारा का नाम है।

किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। इनकी पर्सनल और पब्लिक लाइफ में सबको इंटरेस्ट भी है और ये उसे छुपाने में भी यकीन नहीं रखतीं। हिंदी सिनेमा में 25 साल पूरे कर चुकी हैं और इसका जश्न भी मनाया जा रहा है उन फिल्मों के जरिए जिसने इन्हें नई पहचान दी तो दर्शकों को कपूर फैमिली के एक और टैलेंट से मुलाकात कराई। हर जॉनर की फिल्म की। शुरुआत रिफ्यूजी से की। करियर की शुरुआत के लिए ऑफबीट फिल्म कही जा सकती है लेकिन फिर करीना तो करीना हैं। 2000 में आई रिफ्यूजी के गाने हिट रहे, एक खास वर्ग को पसंद भी आई लेकिन बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पाई।

द ग्रेट शोमैन की पोती और रणधीर कपूर-बबीता की छोटी बेटी बेबो 21 सितंबर को अपना 44वां जन्मदिन मना रही हैं। बेबो ने कई फिल्में की कुछ हिट तो कुछ फ्लॉप लेकिन कुछ कैरेक्टर्स ऐसे जो दिमाग में छप गए। जैसे कभी खुशी कभी गम की ‘पू’। जिसमें एटीट्यूड है तो साफगोई भी। तेज तर्रार तो है लेकिन इमोशनल भी। काजोल की छोटी बहन पूजा शर्मा के रोल में दिखी करीना का डायलॉग कि ‘कौन है जिसने पू को मुड़ कर नहीं देखा’- सालों बाद भी अगर जेहन में ताजा है तो अदायगी को 100 फीसदी नंबर दिए जाने चाहिए।

चमेली का- ये बोलता है हाथ मत लगाओ, दुनिया हाथ लगाने के लिए पैसा देती है! हो या फिर ऐतराज का- हमेशा मर्द ही गलत नहीं होता, औरत भी गलत हो सकती है। महिला सशक्तिकरण को सही मायने में परिभाषित करता है।

करीना का नाम विवादों से भी जुड़ा। सबसे ज्यादा अपने रिलेशनशिप को लेकर। अपने से 10 साल बड़े सैफ अली खान से शादी को लेकर भी बवाल मचा तो बच्चों के नाम तैमूर और जहांगीर रखने पर भी खूब हल्ला हुआ। लेकिन करीना का ये डायलॉग कि मैं अपनी फेवरेट खुद हूं इन सवालों को जवाब देने में माहिर है।

बेबो अपनी सोशल लाइफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में बनी रहती हैं। बिग स्क्रीन के अलावा छोटे पर्दे पर कई टॉक शो में भी दिखीं तो ओटीटी पर ‘जाने जान’ से डेब्यू किया। अच्छी बात ये है कि करीना उम्र के हिसाब से खुद को ढाल रही हैं। 16 साल की लड़की की तरह पेड़ों के पीछे नहीं भाग रहीं बल्कि कैरेक्टर्स ऐसे चुन रही हैं जो उनकी उम्र से मेल खाते हैं।

बर्किंघम मर्डर्स को लेकर भी चर्चा में हैं। क्राइम थ्रिलर का निर्माण भी करीना कपूर ने किया है। फिल्म को उम्मीद के हिसाब से सफलता नहीं मिली लेकिन इस बार भी एक्टिंग की लोग दाद दे रहे हैं।

करीना की ही हिट फिल्म ‘ओमकारा’ का डायलॉग है जो उनको बखूबी डिफाइन करता है- ‘चाँद जब आधा हो जावे है ना, तो भी चाँद ही कहलावे है।’

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