पालमपुर, 1 जनवरी कांगड़ा जिले में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने वाले गैर सरकारी संगठन नशा विरोधी संगठन के प्रमुख मनोज मेहता को आज ड्रग माफिया के गुंडों से जान से मारने की धमकी मिली है। माफिया ने उनसे कहा था कि या तो कांगड़ा जिले में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान तुरंत प्रभाव से बंद करें या गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मेहता ने गुंडों से बातचीत का एक ऑडियो क्लिप जारी किया। उन्होंने खुले तौर पर मेहता को धमकी दी कि अगर उन्होंने नशा विरोधी अभियान जारी रखा तो वे उन्हें मार देंगे। उन्होंने उसे बताया कि वह पहले से ही पंजाब के ड्रग तस्करों की हिट-लिस्ट में था, जिसे उसके अभियान के कारण बहुत नुकसान हुआ था। मेहता ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कांगड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया है, जिन्होंने उन्हें पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया है। मेहता ने कहा कि वह बिना किसी डर के ड्रग माफिया के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेंगे।
मेहता को पिछले छह महीनों में जनता से जबरदस्त समर्थन मिला है। सैकड़ों युवा और महिलाएं उनके एनजीओ में शामिल हुए हैं और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए कांगड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों का दौरा किया है। उन्होंने स्थानीय युवाओं की मदद से ड्रग तस्करों के ठिकानों पर कई छापे मारे थे और अपराधियों को पुलिस के हवाले किया था।
एनजीओ द्वारा 500 से अधिक युवाओं को नशे की लत से बाहर निकाला गया है। मेहता ने कहा कि पालमपुर, नगरोटा और धर्मशाला क्षेत्र में नशीली दवाओं की लत के कारण 2,500 से अधिक युवा बिस्तर पर हैं और उनका एनजीओ उन्हें ठीक करने में मदद करने के लिए उनके संपर्क में है।
पिछले एक साल में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान पालमपुर, बैजनाथ, भवारना, पपरोला, जयसिंहपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। बल्कि, क्षेत्र में नशीली दवाओं की तस्करी फल-फूल रही है और कांगड़ा घाटी में अधिकांश दवाएं पंजाब और जम्मू-कश्मीर से आ रही हैं।
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