N1Live Himachal स्वास्थ्य मंत्री ने सिरमौर में दो दिवसीय भूरेश्वर महादेव मेले का शुभारंभ किया
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स्वास्थ्य मंत्री ने सिरमौर में दो दिवसीय भूरेश्वर महादेव मेले का शुभारंभ किया

Health Minister inaugurates two-day Bhureshvar Mahadev fair in Sirmour

स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने शुक्रवार को सिरमौर ज़िले के अपने दौरे के दौरान दो दिवसीय भूरेश्वर महादेव मेले का उद्घाटन किया। कथड़ स्थित पवित्र भूर्शिंग मंदिर में आयोजित इस मेले की शुरुआत मंत्री ने भूरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर की।

डॉ. शांडिल ने मंदिर परिसर में लगभग 10 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित सुविधाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें शौचालय, सामुदायिक रसोईघर (पाक्षाल) और श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल सुविधा शामिल है।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य देवी-देवताओं की भूमि है, जहाँ आस्था और भक्ति यहाँ के लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अधिकांश पारंपरिक मेले और त्यौहार दैवीय परंपराओं से जुड़े हैं, जो एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं जो राज्य को वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान प्रदान करती है।

इस स्थल की धार्मिक और पर्यटन संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. शांडिल ने कहा कि भूरेश्वर महादेव मंदिर न केवल एक पवित्र स्थल है, बल्कि एक शांत पर्यटन स्थल भी है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे धार्मिक स्थलों को प्रमुख पर्यटन आकर्षणों के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे सांस्कृतिक भावनाओं को बल मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय के अवसर पैदा होंगे।

मंत्री ने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं और पारंपरिक कुश्ती मुकाबलों का भी उद्घाटन किया और युवाओं से इसमें भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और सकारात्मक गतिविधियों में संलग्न रहने का मंच प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें नशे से दूर रहने में मदद मिलती है।

युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. शांडिल ने कहा कि भूरेश्वर महादेव जैसे आध्यात्मिक और दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने से मानसिकता और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिल सकती है।

उन्होंने मेला समिति को अपनी विवेकाधीन निधि से 11,000 रुपये का योगदान दिया। मंदिर समिति ने मंत्री को अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा। कार्यक्रम के दौरान कई सेवानिवृत्त सैनिकों ने डॉ. शांडिल से मुलाकात की और उनसे बातचीत की।

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