राज्य सरकार द्वारा निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, जिले में डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की भारी कमी है। जिला मुख्यालय पर स्थित 14 लाख की आबादी के लिए 200 बिस्तरों वाले भीमसेन सच्चर सिविल अस्पताल में स्वीकृत पदों की संख्या 55 के मुकाबले 24 डॉक्टर ही हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2019 में हरियाणा दिवस पर अस्पताल के नए भवन का उद्घाटन किया था और इसे 100 बेड से बढ़ाकर 200 बेड का कर दिया गया था। हालांकि, डॉक्टरों और तकनीकी कर्मचारियों के अभाव में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार पिछले कई महीनों से प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर (पीएमओ) का पद खाली पड़ा है। अस्पताल में कुल 28 डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें 24 मेडिकल ऑफिसर, दो सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) और दो डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (डीएमएस) शामिल हैं। अस्पताल में तीन डेंटल सर्जन कार्यरत हैं।
सूत्रों के अनुसार, सिविल अस्पताल में रोजाना करीब 1,500 से 2,000 मरीज आते हैं, जबकि रोजाना 25 से 30 प्रसव होते हैं। अस्पताल में रोजाना 70-80 मरीज भर्ती होते हैं।
इसी तरह समालखा में 50 बिस्तरों वाला सिविल अस्पताल भी डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में 11 डॉक्टरों की स्वीकृत संख्या है, लेकिन वहां केवल पांच ही तैनात हैं और कोई विशेषज्ञ भी नहीं है।
नवंबर 2023 में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सिविल अस्पताल को 100 बेड का करने की घोषणा की थी।
जिले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार डिप्टी सिविल सर्जन के स्वीकृत पदों की संख्या नौ के मुकाबले छह पद रिक्त हैं, एसएमओ के स्वीकृत पदों की संख्या 16 के मुकाबले नौ पद रिक्त हैं, मेडिकल ऑफिसर के स्वीकृत पदों की संख्या 147 के मुकाबले 97 पद कार्यरत हैं, लैब टेक्नीशियन के स्वीकृत पदों की संख्या 46 के मुकाबले 11 पद कार्यरत हैं, फार्मासिस्ट के स्वीकृत पदों की संख्या 41 के मुकाबले 19 पद कार्यरत हैं, रेडियोग्राफर के स्वीकृत पदों की संख्या 15 के मुकाबले 10 पद कार्यरत हैं। जिले में डेंटल असिस्टेंट-कम-मैकेनिक का कोई पद रिक्त नहीं है।
सरकार ने मरीजों को एमआरआई, कैथ लैब, सीटी स्कैन, हेमोडायलिसिस और ब्लड बैंक जैसी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना की भी घोषणा की थी। सीटी स्कैन और हेमोडायलिसिस सुविधा पीपीपी मोड पर चलाई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि घोषणा के पांच साल बाद मई में ब्लड बैंक शुरू किया गया। सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने कहा, “हम सरकार से नियमित आधार पर अधिक डॉक्टरों की मांग कर रहे हैं। सरकारी स्तर पर 766 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।”