October 13, 2025
National

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रही है: उमंग सिंघार

Healthcare in Madhya Pradesh is collapsing: Umang Singhar

मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की बढ़ती मौतों पर कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रही है।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार इन बच्चों को अच्छे अस्पतालों में क्यों नहीं भेजना चाहती? सरकार इसे सिर्फ औपचारिकता क्यों मानना चाहती है? मुख्यमंत्री से जब मीडिया सवाल करती है तो वे इसे पुरानी बात कहकर टालते हैं। रोजाना घटनाएं हो रही हैं और बच्चे रोज मर रहे हैं। मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि क्या वे गांव-गांव में कब्रिस्तान बनाने का काम कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सरकार बच्चों की मौत से जुड़े आंकड़े छिपाने का खेल खेल रही है, हर दिन कोई न कोई घटना होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को आंकड़ों से ज्यादा बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। बेहतर उपचार के लिए सरकार को बच्चों को अच्छे से अच्छे अस्पताल में भेजना चाहिए। लेकिन, दुख की बात है कि ऐसा नहीं हो रहा है। मैं समझता हूं कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रही है। सरकार की योजनाएं बच्चों के लिए कागजों पर चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में डॉक्टर गांव तक नहीं पहुंच पाए। भाजपा को जवाब देना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ है।

कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इंदौर में दवा कंपनियों पर हो रही जांच में एक भयावह सच सामने आया है। एक दवा कंपनी में फंगस युक्त पानी से कफ सिरप बनाया जा रहा था। यह सिरप गंदे प्लास्टिक डिब्बों में रखा जाता था और बदबूदार कपड़ों से छानकर प्रदेश के मासूम बच्चों को जहर की तरह परोसा जा रहा था।

वहीं दूसरी ओर, 19 बच्चों की मौत के बाद भी सरकार बेखबर है। चौंकाने वाली बात यह है कि अभी भी 8,588 जहरीली कफ सिरप की बोतलें बाजार में मौजूद हैं। इन दोनों तथ्यों से साफ समझ आता है कि सरकार कितनी लापरवाह है। प्रदेश में 19 मासूम बच्चों की मौत जहरीली कफ सिरप से हो चुकी है, लेकिन सरकार की कार्रवाई न तो तेज है और न ही त्वरित।

उन्होंने लिखा, सवाल यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निर्देश पर केंद्र और राज्य की टीमें कंपनी का रिस्क-बेस्ड निरीक्षण कर रही हैं। लेकिन सरकार हर बार हादसे के बाद ही क्यों जागती है? अगर दवा बनाने वाली कंपनियों की नियमित जांच होती, तो आज प्रदेश को इतना बड़ा हादसा नहीं झेलना पड़ता। प्रदेश के 19 मासूम बच्चों की जान भ्रष्ट अधिकारियों, दवा कंपनियों की मिलीभगत और सोई हुई सरकार के साथ-साथ फेल स्वास्थ्य तंत्र के कारण गई है।

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