रविवार शाम कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के प्रयास में एनएचएम कर्मचारियों द्वारा बैरिकेड्स तोड़ने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी और पुलिस आमने-सामने आ गए।
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में एनएचएम कर्मचारी अपनी लंबित मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करने तथा कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए कुरुक्षेत्र पहुंचे।
एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ और अपनी लंबित मांगों के समर्थन में नारे लगाए।
मांगों में नियमितीकरण नीति, एनएचएम सेवा नियम 2018 (छठे वेतन आयोग) के अनुसार जनवरी और जुलाई 2024 के लिए लंबित महंगाई भत्ता (डीए) जारी करना और सातवें वेतन आयोग के लाभों को लागू करना शामिल था। उन्होंने यह भी मांग की कि 2017 से 2024 तक की हड़ताल और आंदोलन अवधि को ड्यूटी अवधि के रूप में गिना जाए, और उसी के अनुसार वेतन जारी किया जाए। कर्मचारियों ने एलटीसी और ग्रेच्युटी लाभ की भी मांग की।
हालांकि, उन्हें पुलिस बैरिकेड्स पर ही रोक दिया गया और एनएचएम कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को सीएम कैंप कार्यालय में बातचीत के लिए बुलाया गया। लेकिन बातचीत विफल होने के बाद कर्मचारियों ने बैरिकेड्स तोड़ना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें, आंसूगैस का इस्तेमाल किया और हल्का बल प्रयोग भी किया, जिसमें कुछ एनएचएम कर्मचारियों को चोटें भी आईं।
एनएचएम कर्मचारियों के नेताओं ने कहा कि सेवा नियमावलियों को रोक दिया गया है और उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। एनएचएम कर्मचारियों ने समर्पण के साथ कर्तव्यों का पालन किया और उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य की स्थिति और मापदंडों को बेहतर बनाने में मदद की। वे कोविड-19 महामारी के दौरान भी सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित रहे, उच्च जोखिम वाले काम किए और फिर भी उनका शोषण किया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों को सभी लाभ मिल रहे हैं जबकि एनएचएम कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
आंदोलनकारी महिला कर्मचारियों ने कहा कि उन पर लाठीचार्ज किया गया और ऐसा आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बीच, मौके पर पहुंची डिप्टी कमिश्नर नेहा सिंह ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम ऑफिस में मीटिंग का आश्वासन मिलने के बाद डीसी को ज्ञापन सौंपा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा, “एनएचएम कर्मचारी अपनी जायज मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। कर्मचारियों को मजबूरन सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं। बैठक के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।”
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