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गौतमबुद्ध नगर में ‘स्वस्थ नारी, खुशहाल देश’ अभियान शुरू, स्वास्थ्य और स्वच्छता को देगा नई दिशा

'Healthy women, happy country' campaign started in Gautam Buddha Nagar, will give new direction to health and cleanliness

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और महिला स्वास्थ्य के लिए कार्यरत सामाजिक संस्था शीविंग्स ने मिलकर ‘स्वस्थ नारी, खुशहाल देश’ नामक एक विशेष स्वास्थ्य और स्वच्छता अभियान की शुरुआत की है।

यह पहल मासिक धर्म स्वच्छता दिवस से पूर्व शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य वंचित तबके की लड़कियों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जागरूकता उपलब्ध कराना है। इस अभियान के तहत गौतमबुद्ध नगर जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली लगभग 5,500 किशोरियों और महिलाओं को शामिल किया गया है।

अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें बड़ी संख्या में छात्राएं और उनकी माताएं भाग ले रही हैं। इन शिविरों में महिलाएं अपने स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं साझा कर रही हैं और विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। शीविंग्स ने स्त्री रोग विशेषज्ञों और सामान्य चिकित्सकों की एक टीम को सरकारी स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा है ताकि वंचित समुदायों की महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

इस अभियान को जिलाधिकारी मनीष वर्मा और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राहुल पवार का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त है। दोनों अधिकारियों ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों को इस पहल में भाग लेने के निर्देश दिए हैं, जिससे अभियान का प्रभाव जमीनी स्तर तक सुनिश्चित हो सके।

आईओसीएल के कार्यकारी निदेशक हेमंत राठौर ने बताया, “महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार देश की उत्पादकता और जीडीपी में सकारात्मक योगदान दे सकता है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सुधार लाएगी, बल्कि स्कूलों में अनुपस्थिति को कम करेगी और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को भी बढ़ावा देगी।”

शीविंग्स के संस्थापक मदन मोहित भारद्वाज ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी लड़की केवल मासिक धर्म जागरूकता या देखभाल की सुविधा के अभाव में पीछे न रह जाए। हम इस अभियान के माध्यम से 5,500 से अधिक महिलाओं और किशोरियों तक स्वच्छता उत्पाद और जरूरी जानकारी पहुंचाना चाहते हैं।”

यह अभियान केवल मासिक धर्म जागरूकता तक सीमित नहीं है। इसके अंतर्गत स्तन कैंसर की पहचान, प्रसव पूर्व और पश्चात देखभाल, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, स्तनपान की चुनौतियों और एनीमिया जैसी समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

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