January 20, 2025
National

आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को फिर से सुनवाई

Hearing in RG Kar Medical College case again in Supreme Court on Monday

नई दिल्ली, 8 स‍ितंबर । सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई जारी रखेगा। न्‍यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट के अलावा केंद्र के आवेदन पर भी विचार करेगी। इसमें पश्चिम बंगाल सरकार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को पूर्ण सहयोग देने का निर्देश देने की मांग की गई है।

केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह न्यायालय द्वारा पारित आदेश का “जानबूझकर पालन न करने” के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करे।

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा वाली पीठ, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अनुपलब्धता के कारण पांच सितंबर को सुनवाई नहीं कर सकी थी।

22 अगस्त को हुई सुनवाई में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सीबीआई को जांच जारी रखने के अलावा 14 अगस्त की रात अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ के संबंध में सीबीआई और कोलकाता पुलिस द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड में लेने को कहा था।

इसके अलावा, इसने सरकार द्वारा उसके निर्देश पर गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) से कहा कि वह डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, कामकाजी परिस्थितियों और कल्याण से संबंधित प्रभावी सिफारिशें तैयार करते समय विभिन्न चिकित्सा संघों की बात भी सुनें।

20 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने इस घटना को “भयावह” करार दिया, जो “देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा का प्रणालीगत मुद्दा” उठाती है।

इसमें कहा गया है, “हम इस तथ्य से बहुत चिंतित हैं कि देश भर में, विशेषकर सार्वजनिक अस्पतालों में, युवा डॉक्टरों के लिए काम करने की सुरक्षित परिस्थितियों का अभाव है।”

संबंधित मामले में, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसमें उनके कार्यकाल के दौरान सरकारी संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच को चुनौती दी गई थी।

सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि एक आरोपी के तौर पर घोष को जनहित याचिका की कार्यवाही में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है, जबकि कलकत्ता हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है और उसने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है।

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