January 19, 2025
National

चीन पर लोक सभा में राजनाथ सिंह और अधीर रंजन के बीच तीखी बहस

Heated debate between Rajnath Singh and Adhir Ranjan in Lok Sabha on China

नई दिल्ली, 21 सितंबर । चीन पर चर्चा को लेकर लोक सभा में गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस हुई। चौधरी के चीन पर बहस करने की चुनौती का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन पर चर्चा के लिए पूरी हिम्मत है और वे सीना चौड़ा कर चर्चा के लिए ( चीन पर ) तैयार हैं।

दरअसल, राजनाथ सिंह गुरुवार को लोक सभा में चंद्रयान-3 की सफलता और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की अन्य उपलब्धियों पर सरकार की तरफ से बोल रहे थे।

उनके भाषण के बीच में ही अधीर रंजन चौधरी ने उनसे पूछा कि, क्या चीन पर चर्चा करने की हिम्मत है? राजनाथ सिंह ने अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए कहा, “पूरी हिम्मत है, पूरी हिम्मत है।”

इस बीच अधीर रंजन चौधरी सहित कई विपक्षी सांसदों ने पूछना शुरू कर दिया कि चीन ने हमारे देश की कितनी भूमि पर कब्जा किया है। इस पर राजनाथ सिंह ने अधीर रंजन चौधरी को संबोधित करते हुए फिर कहा कि, “पूरी हिम्मत है, अधीर जी इतिहास में मत ले जाओ, चर्चा के लिए तैयार हूं। सीना चौड़ा करके चर्चा के लिए तैयार हूं।”

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोक सभा में बोलते हुए कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए निश्चित तौर पर बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि दुनिया के कई विकसित राष्ट्रों को पीछे छोड़कर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ दुनिया के अधिकांश विकसित देश हैं, जो भारत से कहीं अधिक संसाधन-संपन्न होते हुए भी चांद पर पहुंचने के लिए अब भी प्रयासरत हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हम बेहद सीमित संसाधनों से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले देश बन गए हैं।

उन्होंने इसके लिए इसरो के सभी वैज्ञानिको को बधाई देते हुए कहा कि आज केवल उन्हें ही नहीं, सरकार को ही नहीं, इस सदन को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को अपने इन वैज्ञानिकों पर गर्व है।

राजनाथ सिंह ने इसके लिए पश्चिमी विज्ञान की तकनीक को श्रेय देने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि साइंटिफिक टेंपरामेंट भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन ग्रंथों का अंग रहा है लेकिन कुछ लोगों के लिए भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का विरोध करना ही प्रगतिवाद का सूचक बन गया है।

उन्होंने कहा कि पीपल, नीम और तालाबों की पूजा पर सवाल उठाए जाते हैं, गाय को माता कहने पर सवाल उठाए जाते हैं जबकि भारतीय संस्कृति और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं।

उन्होंने कहा कि भारत बहुत जल्द मंगल और शनि पर भी पहुंचेगा।

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