राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। बीते रविवार को जहां 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं आगामी तीन दिनों तक भी मौसम के ऐसे ही रुख बरकरार रहने के आसार हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 2 जून से 4 जून तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तेज बारिश, बिजली चमकने और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2 जून को अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रहने का अनुमान है। नमी (ह्यूमिडिटी) 56 से 98 प्रतिशत तक रह सकती है।
मौसम विभाग ने “थंडरस्टॉर्म विद रेन” यानी गरज-चमक के साथ बारिश की भविष्यवाणी की है। 3 जून को भी तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहने की आशंका जताई गई है। इस दिन भी तेज हवाओं के साथ बिजली और बारिश की संभावना है। उसके बाद 4 जून को तापमान 36 डिग्री और 24 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। इन तीनों दिनों के लिए विभाग ने खास चेतावनी जारी की है कि “थंडरस्टॉर्म एकांपनीड विद लाइटनिंग एंड गेस्टी विंड्स (40-50 किलोमीटर प्रति घंटा)” यानी तेज आंधी के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चल सकती हैं। ऐसे में नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
गौरतलब है कि बीते रविवार को आए तूफान ने कई इलाकों में भारी नुकसान पहुंचाया था। 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने कई जगहों पर पेड़ उखाड़ दिए, बिजली के खंभे गिरा दिए और ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर डाला। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही और सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। 5 जून से मौसम थोड़ा सामान्य होने के संकेत हैं। इस दिन “थंडरस्टॉर्म विद रेन” की संभावना तो है, लेकिन मौसम विभाग ने कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
6 जून और 7 जून को आसमान आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और तापमान 38 डिग्री, न्यूनतम 26 डिग्री और 39 डिग्री, न्यूनतम 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। इन दिनों के लिए कोई चेतावनी नहीं दी गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे पेड़ों और बिजली के खंभों के पास खड़े न हों, बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। साथ ही, तेज आंधी के समय वाहन चलाते समय सतर्कता बरतें। एनसीआर के नागरिकों को आने वाले तीन दिनों तक सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन की ओर से भी राहत और बचाव दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।