कोच्चि, 3 सितंबर। जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट से पता चला है कि मलयालम फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों का किस तरह यौन शोषण किया जाता था। इससे शीर्ष अभिनेताओं के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ सी आ गई है, जिससे उन्हें अग्रिम जमानत के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
सोमवार को, एएमएमए (मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) के पूर्व महासचिव सिद्दीकी ने एक अभिनेत्री द्वारा उनके खिलाफ दायर बलात्कार मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए केरल उच्च न्यायालय का रुख किया।
सिद्दीकी ने अपनी याचिका में कहा कि शिकायतकर्ता 2019 से सोशल मीडिया पर बार-बार यह दावा करके उन्हें परेशान कर रही है कि उन्होंने 2016 में एक थिएटर में उसके साथ यौन शोषण करने की कोशिश की थी।
सिद्दीकी की याचिका में लिखा है, “यह साफ है कि शिकायतकर्ता को पता है कि यौन शोषण का आरोप लगाना एक जमानती अपराध है, इसलिए याचिकाकर्ता को हिरासत में नहीं लिया जा सकता। इसी वजह से शिकायतकर्ता ने अब रेप का आरोप लगाकर गिरफ्तारी और हिरासत की मांग की है।”
पिछले हफ्ते, अभिनेता से सीपीआई-एम विधायक बने मुकेश और निर्देशक वी.के.प्रकाश ने जमानत की मांगी थी, और मंगलवार तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत हासिल कर ली थी।
हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के साथ मलयालम फिल्म उद्योग का ‘पुरुष आधिपत्य’ खुलकर सामने आ गया। महिला अभिनेत्रियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद 9 फिल्मी हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें मुकेश, सिद्दीकी, जयसूर्या, एडावेला बाबू, मनियान पिल्लई राजू, निर्देशक रंजीत, और प्रकाश, प्रोडक्शन अधिकारी विचू और नोबल शामिल हैं।
सिद्दीकी के खिलाफ मामला एक अभिनेत्री के आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया था कि उसने राज्य की राजधानी में एक सरकारी होटल में उसके साथ बलात्कार किया था।
घटना के खुलासे के बाद, सिद्दीकी ने अपना एएमएमए पद छोड़ दिया और कुछ दिनों बाद, इसके अध्यक्ष, सुपरस्टार मोहनलाल के नेतृत्व में एएमएमए की पूरी 17 सदस्यीय कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया, और उस संस्था को छोड़ दिया, जिसमें लगभग 500 अभिनेता हैं।
एएमएमए के पदाधिकारियों के इस्तीफे और फेडरेशन ऑफ फिल्म एम्प्लॉइज ऑफ केरल (एफईएफकेए) में मतभेद खुलकर सामने आने के बाद,मलयालम फिल्म उद्योग को बड़ा झटका लगा है।
सभी की निगाहें अब इन जमानत अर्जियों के भविष्य पर हैं। सात सदस्यीय पुलिस जांच टीम, जिसमें चार महिला आईपीएस अधिकारी शामिल हैं, पीड़ितों से बयान लेने की तैयारी कर रही हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी आरोपी को जांच टीम के सामने पेश होने के लिए नहीं बुलाया गया है।
इस मामले पर, कांग्रेस और भाजपा पार्टियां आमने-सामने हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि पिनाराई विजयन सरकार गलत काम करने वालों के साथ मिली हुई है, जबकि वे पीड़ितों के साथ होने का दावा करते हैं।
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