May 23, 2025
National

हेमंत सरकार ने राज्य की संवैधानिक संस्थाओं को बनाया पंगु, डीजीपी के पद पर अवैध तैनाती : बाबूलाल मरांडी

Hemant government crippled the constitutional institutions of the state, illegal appointment to the post of DGP: Babulal Marandi

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर सभी प्रमुख संवैधानिक संस्थाओं को साजिश पूर्वक पंगु और निष्क्रिय बनाए रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुख के पद पर सेवानिवृत्त आईपीएस को तैनात रखने को भी अवैध करार दिया है।

शुक्रवार को रांची स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मरांडी ने कहा कि शासन-प्रशासन में पारदर्शिता एवं निगरानी और आमजन को न्याय दिलाने के उद्देश्य से गठित लोकायुक्त, सूचना आयोग, महिला आयोग, उपभोक्ता फोरम जैसी संस्थाएं राज्य में पूरी तरह ठप कर दी गई हैं।

उन्होंने राज्य सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर आम जनता को सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायत करनी हो तो वह कहां जाए? अगर किसी को मंत्री, विधायक, अफसर और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के किसी अधिकारी-कर्मचारी के भ्रष्ट आचरण के बारे में सूचना देनी हो, वह क्या करे? ऐसी शिकायतों की सुनवाई करने वाली संस्था लोकायुक्त का पद पिछले पांच साल से साजिशपूर्वक खाली रखा गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सूचना आयोग में वर्ष 2023 से एक भी आयुक्त नहीं हैं। मुख्य सूचना आयुक्त का पद कई वर्षों से खाली है। आयोग पूरी तरह निष्क्रिय पड़ा है। आरटीआई से जुड़े हजारों मामले लंबित पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पहले बहाना बनाया कि राज्य में नेता प्रतिपक्ष नहीं होने की वजह से लोकायुक्त और सूचना आयुक्त जैसे पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है, जबकि नेता प्रतिपक्ष की मान्यता इन्होंने कई वर्षों तक खुद लटकाए रखी।

नेता प्रतिपक्ष घोषित होने के बाद भी सरकार ने इन पदों पर नियुक्ति के मामले में चुप्पी साध रखी है। मरांडी ने कहा कि यह स्थिति सरकार ने सुनियोजित तरीके से बनाई है, ताकि शासन-प्रशासन में पारदर्शिता को खत्म किया जा सके। उन्होंने महिला आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली रहने का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाओं पर अत्याचार-अन्याय से जुड़े करीब पांच हजार मामले लंबित हैं। आयोग में जो कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है। राज्य में कई जिले ऐसे हैं, जहां उपभोक्ता फोरम में न तो अध्यक्ष हैं और न सदस्य।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में डीजीपी के पद पर सेवानिवृत्त आईपीएस को अवैध तरीके से पद पर बनाए रखा है। उन्हें केंद्र सरकार की ओर से सेवा विस्तार नहीं दिया गया है, इसके बावजूद इस सरकार ने उन्हें पद पर इसलिए बनाए रखा है कि उनके जरिए अपराध की बड़ी घटनाएं अंजाम दिलाई जा सकें। ऐसी स्थिति पूरे हिंदुस्तान में कहीं नहीं है।

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