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दूसरे राज्यों के आदिवासियों की समस्याओं का समाधान करेगी हेमंत सरकार!

Hemant government will solve the problems of tribals of other states!

रांची, 15 अक्टूबर । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के सभी राज्यों के आदिवासियों को झारखंड में आने के लिए आमंत्रित करते हुए सोमवार को कहा कि राज्य सरकार उनकी भरपूर मदद करेगी।

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राज्य कैबिनेट की यहां हुई बैठक के बाद उन्होंने यह जानकारी दी। मीडिया से बातचीत करते हुए सोरेन ने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में कई चीजों पर निर्णय लिए गए। इस राज्य के आदिवासी मूल निवासियों को देश के कई राज्यों में ले जाकर बसाया गया था। अंडमान निकोबार हो या कई अन्य जगहें, उन्हें अंग्रेज वहां ले गए थे। एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत हम उन लोगों से मिल रहे हैं जिनकी संख्या 15 से 20 लाख है और जो उन राज्यों में अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन उन राज्यों में उन्हें अब भी आदिवासी का दर्जा नहीं मिला है। उन्हें आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में झारखंड सरकार ऐसे सभी आदिवासी मूल वासियों को राज्य में आने का निमंत्रण देती है और उनकी समस्याओं को जानने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। यह कल्याण मंत्री के नेतृत्व में एक सर्वदलीय समिति होगी। समिति का प्रतिनिधिमंडल उन राज्यों में जाकर उनकी स्थिति का अध्ययन करेगा और राज्य सरकार को सूचित करेगा।

कैबिनेट बैठक में हेमंत सरकार ने बहुचर्चित ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को अब हर महीने एक हजार रुपये के बदले 2,500 रुपये देने का निर्णय लिया है। सोमवार को सीएम की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। राज्य की कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अभी 18 से 50 वर्ष की करीब 50 लाख महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक तीन किस्तों की राशि उनके बैंक खातों में भेजी जा चुकी है। दिसंबर महीने से उन्हें बढ़ी हुई राशि का लाभ दिया जाएगा। इस प्रकार उन्हें सालाना 12 हजार रुपये के बदले 30 हजार रुपये दिए जाएंगे।

बताया गया कि इसका लाभ 53 लाख महिलाओं को मिलेगा। इस बढ़ोतरी की वजह से राज्य सरकार को इस योजना पर लगभग नौ हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। कैबिनेट का यह निर्णय चुनाव से पहले हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है।

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