N1Live National ‘सीएनटी’ और ‘एसपीटी’ की बात करने वाले हेमंत सोरेन अपनी संपत्तियों को लौटाकर इसकी शुरुआत करें : प्रतुल शाहदेव
National

‘सीएनटी’ और ‘एसपीटी’ की बात करने वाले हेमंत सोरेन अपनी संपत्तियों को लौटाकर इसकी शुरुआत करें : प्रतुल शाहदेव

Hemant Soren, who talks about 'CNT' and 'SPT', should start this by returning his properties: Pratul Shahdev

रांची, 5 नवंबर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को झारखंड में एक सभा में राज्य में भाजपा सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किए जाने की घोषणा की थी। इसके कुछ देर बाद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि न तो यूसीसी और न ही राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) राज्य में लागू किया जाएगा। इसकी बजाय केवल छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संथाल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियमों के पालन पर जोर दिया जाएगा। इस पर भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वह अपनी जमीनें लौटाकर इसकी शुरुआत करें।

आईएएनएस से बात करते हुए प्रतुल शाहदेव ने सोमवार को कहा, “जब राज्य के मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य में ‘सीएनटी’ और ‘एसपीटी’ लागू होगा तो एक बार अपना भी रियलिटी चेक कर लें। आपने जो अपनी संपत्तियों का ब्योरा दिया है, उनमें से 90 फीसदी ‘सीएनटी’ और ‘एसपीटी’ एक्ट के उल्लंघन से ही अर्जित की हैं। आपने अपने थाना क्षेत्र की सीमा से बाहर जाकर जमीन खरीदी है। वह इन इन संपत्तियों को लौटाकर इसकी शुरुआत खुद से ही कर लें।”

उन्होंने कहा, “यूसीसी एक वास्तविकता है और यह हमारे घोषणा पत्र में लंबे समय से मौजूद है। एक देश में दो तरह के कानून नहीं चल सकते। अगर आप शरीयत कानून लागू कर रहे हैं, तो उसे पूरी तरह से लागू करें। शरीयत में चोरी की सजा चौराहे पर पत्थर मारकर मौत देने की होती है, लेकिन आप इसे केवल चुनिंदा मामलों में लागू करते हैं। शादी के लिए कहेंगे कि हमें चार शादियां करनी हैं, तो शरीयत मान लेंगे, लेकिन चोरी की सजा के समय आप कानून से अलग हो जाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “एक देश में एक ही कानून लागू होना चाहिए। हालांकि, हमने आदिवासी समुदाय को, जिसने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को बनाए रखा है, यूसीसी से बाहर रखा है। यूसीसी पूरे देश में लागू होगा, लेकिन आदिवासियों को इससे छूट दी जाएगी। उत्तराखंड इसका एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसी पैटर्न पर यूसीसी लागू हुआ है।”

Exit mobile version