पणजी, 14 दिसंबर । कलंगुट के निवासियों द्वारा डांस बार के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए गोवा में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कथित तौर पर ‘डांस बार’ चलाने वाली लगभग 13 संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ताओं में से एक, कलंगुट के पूर्व उपसरपंच सुदेश मयेकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि डांस बार की संस्कृति ने उनके गांव की छवि खराब कर दी है और इसलिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
उन्होंने कहा, “कलंगुट अपने समुद्र तट और रात्रिजीवन के लिए जाना जाता है। क्लब कभी भी पर्यटकों से जबरन वसूली और उन पर हमला करने में शामिल नहीं थे। यहां ‘डांस बार’ के रूप में चल रहे क्लब पर्यटकों के साथ मारपीट कर रहे हैं और उनसे पैसे वसूल रहे हैं। अगर यह जारी रहा तो हम अपनी पहचान खो देंगे और अधिक खर्च करने वाले पर्यटक यहां नहीं आएंगे।”
उन्होंने बताया, “अदालत ने गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह जांचने का निर्देश दिया है कि क्या ये संरचनाएं बिना अनुमति के संचालित हो रही हैं, और कार्रवाई करने के लिए कहा है।”
सरपंच जोसेफ सिकेरा ने कहा कि हाल ही में उन्होंने अवैध रूप से चल रहे 13 डांस बारों को नोटिस दिया है। सिकेरा ने उच्च न्यायालय के निर्देश का स्वागत करते हुए कहा, “हमने 13 संरचनाओं को नोटिस दिया है जो अवैध रूप से चल रही हैं।”
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जुलाई में स्पष्ट किया था कि सरकार द्वारा डांस बारों को संचालित करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है।
सावंत ने मॉनसून विधानसभा सत्र में कलंगुट के भाजपा विधायक माइकल लोबो द्वारा तारांकित प्रश्न के जवाब में विधानसभा को बताया कि “कलंगुट क्षेत्र में रेस्तरां की आड़ में कोई भी डांस बार नहीं चल रहा है।”
इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में, माइकल लोबो ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जसपाल सिंह से मुलाकात की थी और अपने निर्वाचन क्षेत्र कलंगुट में चल रहे अवैध डांस बार और पर्यटकों को धोखा देने वाले दलालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
बाद में जनवरी में, उत्तरी गोवा के कलंगुट और बागा के तटीय इलाके के लगभग 500 स्थानीय लोगों ने इलाके में ‘डांस बार’ संस्कृति, ड्रग्स और वेश्यावृत्ति के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और इस पर कार्रवाई की मांग की।