चंडीगढ़, 12 जनवरी
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पंजाब सरकार को राज्य के उन 13 टोल प्लाजा पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिन पर कथित रूप से कुछ प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मंगलवार को अदालत का रुख किया, जिसमें टोल प्लाजा के संचालन को फिर से शुरू करने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने मामले में पंजाब सरकार और अन्य अधिकारियों को प्रस्ताव का नोटिस भी जारी किया।
अदालत ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को राज्य समर्थन समझौते की शर्तों का पालन करने का भी निर्देश दिया, जो पंजाब सरकार और केंद्र के बीच स्थापित सभी 34 टोल प्लाजा को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व के संबंध में निष्पादित किया गया था। एनएचएआई के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि एनएचएआई राज्य में अपने सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए।
वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि अदालत ने पंजाब सरकार से यह भी पूछा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा लिए गए 13 टोल प्लाजा के बारे में क्या कार्रवाई की गई।
मुख्य सचिव और डीजीपी को 13 टोल प्लाजा के संबंध में स्थिति रिपोर्ट और कार्रवाई रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया गया था, जिसमें एक कथित रूप से प्रदर्शनकारियों द्वारा चलाया जा रहा है, जो यात्रियों से टोल शुल्क भी वसूल रहे हैं। मित्तल ने कहा।
एनएचएआई ने यह भी कहा था कि इन टोल प्लाजा के संबंध में पिछले दो दिनों में पंजाब सरकार के अधिकारियों द्वारा कुछ भी नहीं किया गया था।
कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 फरवरी तय की है।
एनएचएआई ने अपनी याचिका में कहा था कि इन टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों द्वारा टोल संग्रह को रोकने के कारण उसे रोजाना 1.33 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
यह भी प्रस्तुत किया गया था कि 13 टोल प्लाजा को प्रदर्शनकारियों ने जबरन अपने कब्जे में ले लिया था और उनमें से 12 पर टोल संग्रह रोक दिया गया था।
याचिका में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी यात्रियों से पैसे वसूल कर फिरोजपुर के कोट करोर में अवैध रूप से एक टोल प्लाजा का संचालन कर रहे हैं।
किसानों का एक संगठन 15 दिसंबर से पंजाब के विभिन्न टोल प्लाजा पर कृषि ऋण माफी, उनकी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य और फसल क्षति के मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।