लुधियाना (पंजाब), 14 मई, 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का फैसला राज्य के लिए नैतिक जीत है।
आज यहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय ने सभी पक्षों से 20 मई तक जवाब मांगा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा, जो कि चालू वर्ष के लिए अपने हिस्से का पानी पहले ही समाप्त कर चुका है, 21 मई तक अपने हिस्से का पानी पाने का पात्र हो जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्य के लिए बहुत बड़ी जीत है, क्योंकि हम केन्द्र, हरियाणा और बीबीएमबी की तमाम ताकतों के बावजूद अपने हिस्से के पानी की रक्षा करने में सक्षम रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के पास अन्य राज्यों के साथ बांटने के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं है और उनकी सरकार ने राज्य का पानी बचाया है जिसे हरियाणा चुरा रहा था।
इस बीच, भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी की एक भी बूंद किसी को नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश नदी संसाधन सूख चुके हैं, इसलिए सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजनीतिक और कानूनी दोनों तरह से लड़ाई लड़ी है और अंतत: यह सत्य की जीत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, हरियाणा और बीबीएमबी एक बात भूल गए कि यदि राज्य देश की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, तो वह पंजाब के पानी को भी बचा सकता है।भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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