पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रजिस्ट्रार के पद पर विजय शर्मा की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर भारत सरकार और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा को नोटिस जारी किया है।
उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक बलविंदर पाल गर्ग ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि विजय शर्मा के पास 15 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव, जिसमें उप-कुलसचिव या समकक्ष पद पर आठ वर्ष का अनुभव शामिल है, की आवश्यक योग्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि शर्मा न तो कुलसचिव नियुक्त होने के हकदार हैं और न ही इस पद पर बने रहने के।
गर्ग ने कहा कि उन्होंने पहले भी शर्मा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने 29 मई, 2025 के अपने आदेश में प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे 25 अप्रैल के उनके कानूनी नोटिस पर विचार करें और दो महीने के भीतर स्पष्ट आदेश पारित करें।
उन्होंने कहा कि यद्यपि विश्वविद्यालय ने 17 सितम्बर, 2025 को एक आदेश पारित किया था, लेकिन यह उक्त पद के लिए शर्मा की अयोग्यता को छिपाने का एक प्रयास मात्र था। दलीलें सुनने के बाद, न्यायमूर्ति संदीप मौदगिल ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

