पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मौदगिल ने युवा अधिवक्ताओं से भारत के संविधान का अध्ययन करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “यदि हम संविधान का अध्ययन नहीं करते हैं, तो हम अधिवक्ता होने का औचित्य नहीं रख सकते।”
न्यायमूर्ति मौदगिल ने रविवार को आर्य पीजी कॉलेज के सभागार में ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर अधिवक्ता परिषद हरियाणा के बैनर तले आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में उपस्थित अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान दुनिया का सबसे बड़ा दस्तावेज है, जिसका मूल विषय जीवन की गरिमा और सम्मान है, ताकि सभी को समान अधिकार और न्याय मिल सके।
उन्होंने संविधान के नियमित अध्ययन पर जोर देते हुए कहा कि वकीलों के लिए संविधान किसी धार्मिक पुस्तक से कम नहीं है। उन्होंने संविधान की 75 साल की यात्रा पर भी प्रकाश डाला।