चेन्नई, 10 मई । मद्रास उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने जेल अधिकारियों को यूट्यूबर सवुक्कू शंकर की मां ए. कमला की याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है। इसमें उन्होंने अपने बेटे को कोयंबटूर जेल से किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है। उन्हें इस जेल में शंकर के जीवन के खतरे की आशंका है। कमला ने हिरासत में शंकर के साथ मारपीट की भी शिकायत की है।
मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ में शामिल न्यायमूर्ति ए.डी. जगदीश चंदीरा और न्यायमूर्ति आर. कलाईमथी ने गुरुवार को जेल अधिकारियों उपरोक्त निर्देश देते हुए कमला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को बंद कर दिया।
न्यायाधीशों ने इस बात पर भी गौर किया कि शंकर को दाहिनी बांह में दर्द की शिकायत की जांच के लिए गुरुवार को कोयंबटूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था।
इस बीच, कोयंबटूर जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने कोयंबटूर न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि कैदी ने अपने दाहिने हाथ में दर्द की शिकायत की है। इसलिए एक्स-रे, जांच और प्लास्टिक सर्जन से सलाह भी आवश्यक है।
मजिस्ट्रेट ने बुधवार को कोयंबटूर जेल अधिकारियों को उसे जांच के लिए तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने को कहा था।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हिरासत में हिंसा के आरोपों की मेरिट पर जाने से परहेज किया। क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि शंकर को आईं चोटें कथित हमले के कारण लगी थीं या चा मई को हुई सड़क दुर्घटना के दौरान।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जेल अधिकारियों द्वारा शंकर पर किसी भी तरह के हमले से इनकार किया। शंकर की ओर से पेश वकील जॉन सथ्यन ने कहा कि वह हिरासत में हिंसा का मुद्दा मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाएंगे।
सवुक्कू शंकर को महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान के लिए चार मई को कोयंबटूर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।