कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत अधिकारियों को ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह बात धर्मशाला में डीसी कार्यालय परिसर में पहली हिम इरा शॉप का उद्घाटन करते हुए कही।
बैरवा ने इस बात पर जोर दिया कि धर्मशाला उप-मंडल में स्वयं सहायता समूहों को अब हिम युग दुकानों के माध्यम से अपने उत्पाद बेचने के लिए एक समर्पित स्थान मिलेगा। ये दुकानें जैविक उत्पाद निर्माण में लगी महिलाओं को एक मंच प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
गुणवत्ता और बाजार अपील सुनिश्चित करने के लिए, एसएचजी सदस्यों को स्वच्छता और उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है, और पैकेजिंग में सुधार के लिए उपाय किए गए हैं। हिम युग की दुकानें पूरे जिले में चरणबद्ध तरीके से स्थापित की जा रही हैं, जिनमें कांगड़ा और नगरोटा उप-मंडलों में आउटलेट पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। इस पहल को अन्य उप-मंडलों में विस्तारित करने की भी योजना है।
इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन बिक्री को सुविधाजनक बनाने के लिए हिम एरा वेबसाइट शुरू की गई है। भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स के अवसरों को सक्षम करने के लिए सभी एसएचजी को इस प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया जा रहा है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों को बिक्री प्रदर्शन की निगरानी करने और इस मार्केटिंग मॉडल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी चुनौती का समाधान करने का काम सौंपा गया है।
बैरवा ने बागवानी और कृषि विभागों के अधिकारियों को ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर हिम युग दुकानों के माध्यम से जैविक बागवानी और कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए योजना विकसित करने के निर्देश भी दिए। इससे पहले परियोजना अधिकारी चंद्र वीर ने उपायुक्त का स्वागत किया तथा हिम युग पहल की जानकारी दी।
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