हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाल के महीनों में की गई सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई में से एक के तहत आज 16 बड़े चिट्टा तस्करों को स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण (पीआईटी एनडीपीएस) अधिनियम, 1988 के तहत हिरासत में लिया। यह समन्वित अभियान कई जिलों में एक साथ चलाया गया ताकि जड़ जमाए हुए मादक पदार्थों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
अधिकारियों के अनुसार, सोलन और पुलिस ज़िला देहरा से चार-चार तस्करों को, बद्दी से तीन, नूरपुर से दो और हमीरपुर, मंडी और सिरमौर से एक-एक तस्कर को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई के साथ, राज्य में पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 62 हो गई है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी ने अभियान का विवरण साझा करते हुए बताया कि 2023 में हिमाचल प्रदेश में यह अधिनियम लागू होने के बाद से, पुलिस ने समानांतर वित्तीय जाँच के माध्यम से 46 बड़े नशा तस्करों को हिरासत में लिया है और 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति ज़ब्त की है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार और पुलिस नशीले पदार्थों के प्रति पूरी तरह से ज़ीरो टॉलरेंस का रवैया अपना रही है।
व्यापक नशा विरोधी जागरूकता अभियान के तहत 15 नवम्बर को शिमला में तथा 1 दिसम्बर को धर्मशाला में चिट्टा विरोधी वॉकथॉन का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने राज्य से चिट्टा का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस तथा संबद्ध एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
डीजीपी तिवारी ने बताया कि हाल ही में धर्मशाला में आयोजित छठी राज्य स्तरीय एनसीओआरडी बैठक में, जिसकी अध्यक्षता पहली बार मुख्यमंत्री ने की, नशा विरोधी अभियानों की व्यापक समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को राज्यव्यापी जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया।
जनता से सहयोग की अपील करते हुए पुलिस ने नागरिकों, विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वे हेल्पलाइन 112 या स्थानीय पुलिस स्टेशनों पर मादक पदार्थों से संबंधित जानकारी साझा करें तथा सूचना देने वालों की पूर्ण गोपनीयता सुनिश्चित करें।


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