मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य के सभी सात भाजपा सांसदों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शीघ्र मुलाकात कर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए वन भूमि के आवंटन की मंजूरी मांगनी चाहिए।
सुक्खू ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार की खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद, आपदा प्रभावित परिवारों को उनके घरों के पुनर्निर्माण और नए सिरे से जीवन शुरू करने में मदद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
मंडी से लौटने पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार को उन परिवारों को वन भूमि उपलब्ध कराने में मदद करनी चाहिए, जिन्होंने बाढ़ में अपनी सारी ज़मीन और घर खो दिए हैं, क्योंकि उनके क्षतिग्रस्त घरों के आसपास राज्य सरकार की ज़मीन उपलब्ध नहीं है।
सुक्खू ने कहा कि उनके अलावा, सभी सांसद और अन्य भाजपा नेता मिलकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए वन भूमि की मंजूरी ले सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य श्रेय लेना नहीं है, इसलिए अगर उन्हें कोई समस्या है, तो सातों सांसद अकेले जाकर राज्य के लोगों को राहत पहुँचा सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि 2023, 2024 और वर्तमान मानसून सीजन में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों को भी आवास निर्माण के लिए वनभूमि आवंटन हेतु कवर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैंने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से कहा है कि वे आपदा राहत पैकेज तैयार करें और उसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखें, ताकि हम प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकें और उन्हें घर, कपड़े, बिस्तर और मवेशियों सहित सभी प्रकार के नुकसान की भरपाई कर सकें।”
सुखू ने कहा कि हमेशा से यह प्रावधान रहा है कि निर्माण कार्य नदियों से सुरक्षित दूरी पर किए जाने चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “सभी हितधारकों से बात करने के बाद, हम इस संबंध में एक कानून लाना चाहते हैं, लेकिन हमें इस तथ्य को भी ध्यान में रखना होगा कि जब ये घर बनाए गए थे, तब कोई बादल फटने या अचानक बाढ़ आने की घटना नहीं हुई थी।”
सुक्खू ने कहा, “मैंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा राजनीति करने के लिए नहीं, बल्कि प्रभावित परिवारों को राहत पहुँचाने और उनके पुनर्वास के लिए किया था। मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और जब मुझे बताया गया कि वहाँ खाद्य सामग्री की कमी है, तो मैंने राशन पहुँचाया।” उन्होंने आगे बताया कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया और सड़कों और पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल करने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें खोलने के लिए 50 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं तथा चैल चौक, बगस्याड़, थुनाग, जंजैहली और छतरी तक की सड़कों को केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत लाया जाएगा ताकि इसे समग्र सड़क बनाया जा सके।