मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल की लौंगानी पंचायत के स्याथी गांव का दौरा किया, जो हाल ही में बादल फटने और भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, उनके साथ एकजुटता व्यक्त की और उनकी शिकायतें सुनीं। उन्होंने क्षेत्र में चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों का भी आकलन किया।
धरमपुर में बादल फटने से 61 लोग प्रभावित हुए हैं, जिससे घरों, गौशालाओं और पशुओं को भारी नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन ने अब तक 1.70 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ-साथ राशन, तिरपाल और अन्य आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को हर संभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को उनके लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सुक्खू ने कहा कि प्रभावित लोगों को उनके नष्ट हो चुके घरों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाएगा तथा पशुधन की हानि और क्षतिग्रस्त गौशालाओं के लिए मुआवजा बढ़ाया जाएगा।
प्रभावित लोगों से बातचीत करते हुए सुखू ने कहा कि बादल फटने से पूरा स्याथी गांव बह गया, जिससे ग्रामीणों के पास तंबू लगाने के लिए भी जमीन नहीं बची। उन्होंने कहा कि पुनर्वास के लिए सरकारी जमीन आवंटित की जाएगी और अगर उपलब्ध जमीन वन क्षेत्र में आती है तो इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया और संपर्क तथा आवश्यक सेवाओं को बहाल करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। सुक्खू ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मंडी जिले में बारिश की आपदा की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक रात में आठ से 10 बादल फटने की घटनाएं कभी नहीं हुई। उन्होंने इस तरह की चरम मौसम की घटनाओं, खासकर भूगर्भीय रूप से स्थिर क्षेत्रों में होने वाले भूस्खलन के कारणों को समझने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया।
बाद में, मुख्यमंत्री ने बारिश से प्रभावित सिराज क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया, जहाँ जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ जैसे क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। राहत कार्य जारी हैं और सड़कें तथा आवश्यक सेवाएँ बहाल की जा रही हैं।