नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने आज आरोप लगाया कि सरकार अपने अधिकारियों के माध्यम से विमल नेगी की मौत के मामले की सीबीआई जांच को रोकने की कोशिश कर रही है, जबकि उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी है। ठाकुर ने आगे दावा किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन पर नियंत्रण खो दिया है और उन्हें नैतिक आधार पर पद छोड़ देना चाहिए।
ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा है। शिमला के एसपी संजीव गांधी और अन्य अधिकारी बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को पद छोड़ देना चाहिए।”
ठाकुर ने आगे आरोप लगाया कि शिमला एसपी द्वारा सीबीआई जांच को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में एलपीए दायर करने के फैसले में सरकार भी शामिल थी। ठाकुर ने आरोप लगाया, “जब मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार फैसले को चुनौती नहीं देगी, तो एसपी समीक्षा याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? अगर वह सरकार की बात नहीं सुन रहे हैं, तो सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी को याचिका दायर करने में मुख्यमंत्री का समर्थन प्राप्त है।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार को एसपी शिमला चला रहे हैं और सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है।
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार मामले की सीबीआई जांच से घबरा गई है और घबराहट में अतार्किक फैसले ले रही है। सरकार को विमल नेगी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई के साथ सहयोग करना चाहिए।”
ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार व्याप्त हो गया है तथा पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना भ्रष्टाचार का स्मारक बन गई है।
ठाकुर ने सिरमौर जिले के काला अंब में एक शराब की भट्टी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वहां दो साल से अवैध शराब की फैक्ट्री चल रही है। ठाकुर ने पूछा, “सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।”