हिमाचल सरकार ने युवाओं में नशीली दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग को नियंत्रित करने और वनों की आग को रोकने के लिए एक गैर सरकारी संगठन नीडल लीफ फाउंडेशन-द सेवियर के साथ समझौता किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यहां इन दो परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिन्हें एनजीओ द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। सीएम ने संगठन के सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार ने वनों की आग को नियंत्रित करने के लिए बहुआयामी उपाय सुनिश्चित किए हैं।
उन्होंने कहा, “वनों में लगने वाली आग से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि हर गर्मियों में बहुमूल्य वन संपदा नष्ट हो जाती है, जिससे नुकसान को कम किया जा सके और आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके।”
उन्होंने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों और ड्रग्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी राज्यों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं के आधार पर मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए अंतरराज्यीय स्तर पर काम किया जा रहा है।’’
उन्होंने आशा व्यक्त की कि संगठन के प्रयासों से सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों को बल मिलेगा तथा मादक पदार्थों की लत और तस्करी के बढ़ते खतरे से निपटा जा सकेगा।
एनजीओ के अध्यक्ष सुनील ग्रोवर ने नई योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, नीडल लीफ फाउंडेशन के सदस्य अनिल चौहान, प्रदीप कुमार, एसएन कपूर, अजय कोचर, कोषाध्यक्ष राजीव सूद सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।