N1Live Himachal हिमाचल के राज्यपाल ने हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण की वकालत की
Himachal

हिमाचल के राज्यपाल ने हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण की वकालत की

Himachal Governor advocates conservation of Himalayan ecosystem

शिमला, 6 मार्च राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी का अध्ययन करने के बाद ही विकास कार्य को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। वह कुल्लू स्थित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान द्वारा ‘पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रक्रियाएं और आजीविका’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने संस्थान के एक गेस्ट हाउस और एक सभागार का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने, एकीकृत प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अग्रणी एजेंसी के रूप में ठोस प्रयास कर रहा है। उन्होंने पिछले वर्ष राज्य में आई अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा की गहराई से जांच करने की आवश्यकता पर बल दिया और पर्वतीय क्षेत्रों में विकास गतिविधियों के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नदी किनारे हो रहे निर्माण पर भी चिंता व्यक्त की।

“हमें प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर राज्य की जल और वन संपदा का संरक्षण करना होगा। उन्होंने कहा, ”मिट्टी की उर्वरता परीक्षण कराकर और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप पौधे लगाने की जरूरत है।” उन्होंने आयोजकों से कहा कि वे इस तीन दिवसीय सम्मेलन में प्रस्तुत शोध वक्तव्यों पर एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य और केंद्र सरकार को भेजें ताकि यहां से निकलने वाले निष्कर्षों पर विचार किया जा सके।

गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक प्रोफेसर सुनील नोटियाल ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें संस्थान के इतिहास और अन्य गतिविधियों से अवगत कराया।

Exit mobile version