सोलन, 22 अगस्त राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज कैथलीघाट के निकट शुंगल में शिमला बाईपास टनल 1 पोर्टल 2 का दौरा किया। उन्होंने कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया तथा परियोजना से संबंधित विस्तृत जानकारी ली।
यह सुरंग शिमला बाईपास के 28.5 किलोमीटर हिस्से को चार लेन में बदलने की परियोजना का हिस्सा है, जिसे पैकेज 1 और 2 के तहत बनाया जा रहा है। इस परियोजना में 10.6 किलोमीटर लंबी कुल 10 सुरंगें बनाई जाएंगी। इस परियोजना में 27 बड़े पुल और पुल भी शामिल हैं। इस परियोजना पर कुल 4,800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने आज बाईपास की टनल 1 की बायीं ट्यूब का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “परियोजना के पूरा होने के बाद कैथलीघाट से ढली की दूरी करीब 15 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का एक घंटा समय बचेगा। सुरंग के निर्माण से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मिट्टी के कटाव को रोकने के साथ ही करीब 5,000 पेड़ों को कटने से बचाया है।”
उन्होंने कहा, “यह सुरंग पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी, साथ ही ईंधन की बचत होगी, जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इन 10 सुरंगों के निर्माण के दौरान लगभग 22,500 पेड़ों को कटने से बचाया जाएगा।”
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने राज्यपाल को शुगल सुरंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दोनों चरणों में सुरंग की कुल लंबाई 1,410 मीटर है और सुरंग का निर्माण जनवरी 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इसके निर्माण पर 90 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।
उन्होंने बताया कि शिमला बाईपास के कैथलीघाट से ढली तक फोरलेन परियोजना की कुल लागत 4,800 करोड़ रुपये है। यह परियोजना मार्च 2027 तक पूरी होने की संभावना है।
सुरंगों के अंदर विभिन्न सुरक्षा सुविधाएँ और अन्य उपाय किए जाएँगे। इनमें सुरंग के अंदर वेंटिलेशन के लिए पंखे, एलईडी या फ्लोरोसेंट लाइट, स्मोक सेंसर, फायर अलार्म, स्प्रिंकलर मैकेनिज्म, टेलीफोन बूथ, आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष, ऑटो टोल सिस्टम और लेन नियंत्रण प्रणाली जैसे सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन स्थिति में आपातकालीन निकास शामिल हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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