हिमाचल प्रदेश, का जन्म सन्, 1948 को हुआ, हिमाचल में स्वरूप विशाल वर्ष, 1966 को हुआ, हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा, 25 जनवरी 1971 में मिला। प्रदेश के सभी गांवों में विद्युत पहुंचाने का काम, जोर-शोर से शुरू करने के साथ ही, जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हिमाचल विद्युत बोर्ड ने, कई परियोजनाएं उपहार में दी। हिमाचल वर्ष 1988 में देश के सभी पहाड़ी राज्यों में, अपना शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कर प्रथम राज्य बना।
हिमाचल जल विद्युत दोहन में संयुक्त क्षेत्र में, 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी परियोजना को भी, मुख्य रूप से जोड़ा। वर्ष 1980 में चंबा में NHPC ने, अपनी प्रथम जल विद्युत परियोजना, बैरा स्यूल का कार्य भी पूर्ण किया। बीते साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में लगभग, 4,864 नए वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। करीब 57,046 लकड़ी के पुराने खंभों को स्टील के खंभों से बदला जा चुका है। मार्च 2023 तक लकड़ी के शत प्रतिशत खंभों को, लोहे के खंभों से बदलने की योजना है।
हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य बना, जिसने वर्ष 2006 में अपनी ऊर्जा नीति बनाई। प्रदेश के सभी जलविद्युत परियोजनाओं में, LDF शुरू किया, जो देश में अपनी तरह की एक अनूठी पहल थी। हाल ही में सरकार ने अपनी स्वर्णिम ऊर्जा नीति 2021 पारित की है।