हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118 में परिवर्तन संबंधी संशोधन विधेयक पर रोक लगा दी।
विधेयक को अब आगे की जांच के लिए सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस निर्णय की घोषणा की, जिसका समर्थन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया।
उन्होंने कहा कि प्रवर समिति में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों के सदस्य शामिल होंगे। अध्यक्ष ने कहा, “प्रवर समिति चर्चा के बाद बजट सत्र में विधानसभा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।”
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी समिति का गठन करेंगे और अधिसूचना जारी करेंगे।
नेगी द्वारा 2 दिसंबर को पेश किए गए प्रस्तावित संशोधन विधेयक का उद्देश्य राज्य में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि हस्तांतरण प्रक्रियाओं को सरल बनाना था। वर्तमान में, धारा 118 गैर-कृषकों को बिक्री, उपहार, वसीयत, विनिमय, पट्टे, कब्जे के साथ बंधक या काश्तकारी के निर्माण के माध्यम से भूमि के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाती है।

