N1Live Himachal हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखू और उनके मंत्रियों ने दो महीने तक वेतन नहीं लिया
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हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखू और उनके मंत्रियों ने दो महीने तक वेतन नहीं लिया

Himachal Pradesh CM Sukhu and his ministers did not take salary for two months

शिमला, 30 अगस्त हिमाचल प्रदेश के सामने आ रहे गंभीर वित्तीय संकट के मद्देनजर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज घोषणा की कि वह, सभी मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव तथा बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दो माह तक कोई वेतन और भत्ते नहीं लेंगे।

विधानसभा में बोलते हुए सुखू ने कहा कि राज्य के सामने फंड की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा, “मैं विधानसभा के सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे स्वेच्छा से ऐसा करें।”

राजस्व बढ़ाने का प्रयास सीएम सुखू ने कहा कि राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय में कटौती के प्रयास जारी हैं, लेकिन परिणाम दिखने में कुछ समय लगेगा हिमाचल प्रदेश को 2023 में होने वाली भारी बारिश से होने वाली तबाही के लिए केंद्र से 9,042 करोड़ रुपये के अनुदान का इंतजार है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस कदम से बचाई गई राशि बहुत बड़ी नहीं होगी (लगभग 2 करोड़ रुपये), लेकिन यह एक प्रतीकात्मक इशारा है और अन्य लोगों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए। सीएम ने कहा कि राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन परिणाम दिखने में कुछ समय लगेगा।

राज्य की खस्ताहाल वित्तीय स्थिति पर चिंता जताते हुए सुखू ने कहा कि 2023-24 के लिए राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) 8,058 करोड़ रुपये था, जिसे चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,800 करोड़ रुपये घटाकर 6,258 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “2025-26 में आरडीजी में करीब 3,000 करोड़ रुपये की कटौती करके इसे मात्र 3,257 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा, जिससे हमारे लिए अपनी जरूरतों को पूरा करना और भी मुश्किल हो जाएगा।”

सुखू ने कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद केंद्र ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) कटौती के तहत उसके पास पड़े 9,200 करोड़ रुपये वापस नहीं किए हैं। उन्होंने कहा, “हमें केंद्र से जीएसटी राहत भी मिलनी बंद हो गई है, जिससे हमारे राजस्व में सालाना लगभग 2,500-3,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के बाद ऋण लेने की सीमा भी 2,000 करोड़ रुपये कम कर दी गई है, जिससे राज्य की समस्या और बढ़ गई है।

विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों और बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के वेतन और भत्ते को स्थगित करने के बजाय, ओएसडी और चेयरमैन जैसे राजनीतिक नियुक्तियों को इस्तीफा दे देना चाहिए था

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