हिमाचल प्रदेश को व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी)-2024 के तहत ‘सर्वोच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाला राज्य’ घोषित किया गया है। भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा स्थापित यह सम्मान राज्य के सुधारोन्मुखी शासन, निवेशक-अनुकूल नीतियों और एक सुदृढ़, उद्योग-संचालित विकास पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में निरंतर प्रगति के लिए प्रदान किया गया है।
हिमाचल प्रदेश को यह सम्मान तीन प्रमुख सुधार क्षेत्रों – निर्माण परमिट सक्षमकर्ता, क्षेत्र-विशिष्ट: स्वास्थ्य सेवा और सेवा क्षेत्र – में सराहनीय प्रदर्शन के लिए मिला है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग समागम-2025 के दौरान विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुकरणीय सुधारों के कार्यान्वयन के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश निवेशकों के द्वार पर सेवाएँ प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा, “राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों के निवेशकों को व्यापक सुविधा और सहायता प्रदान की है और पिछले तीन वर्षों में, पारदर्शी, कुशल और सक्षम कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रगतिशील, निवेशक-अनुकूल पहल की हैं।”
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमियों और एमएसएमई के लिए हर सुधार को मूर्त रूप देने के लिए एक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और निवेशक-अनुकूल प्रशासनिक ढाँचा बनाने का निरंतर प्रयास किया है। हिमाचल प्रदेश की ओर से अजय यादव, आईपीएस, (प्रधान आवासीय आयुक्त, नई दिल्ली) और रचित शर्मा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, सिरमौर ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
बीआरएपी-2025 के तहत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन 25 सुधार क्षेत्रों में किया गया, जिसमें व्यवसाय शुरू करना, निर्माण परमिट, श्रम विनियमन, भूमि प्रशासन, पर्यावरण पंजीकरण, उपयोगिता परमिट, सेवा क्षेत्र और क्षेत्र-विशिष्ट सेवाएं शामिल हैं।


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